Category: सम्पादकीय
बालमजदूरी हटाओ
भारत में बालमजदूरी एक सामाजिक आर्थिक समस्या है,और इसके मूल में गरीबी है। भारत में 37.2 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, जो जीवन की मूल आवश्यकताओं से […]
क्या पुष्पा भालोटिया मानव नहीं थी
आज विश्व मानवाधिकार दिवस है. पूरे विश्व में आज मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है. आसनसोल-दुर्गापुर क्षेत्र में भी ढेर सारे तथाकथित मानवाधिकार संगठन क्रियाशील हैं. इनमें से ज्यादातर मानवाधिकार […]
नक्सलबाड़ी आन्दोलन : किसानों-मजदूरों के लिए क्रांतिकारी बदलाव के अब 36 टुकड़े
पुलिस उन्हें लालबाजार ले जाकर 12 दिनों तक गहन पूछताछ करती रही. खराब स्वास्थ्य और बिना रुके पूछताछ से उनका शरीर जवाब दे गया. इस वजह से 28 जुलाई 1972 को….
“मंडे मोर्निंग रीडर्स फोरम” का गठन हुआ
आसनसोल (14/11/2017) मंडे मोर्निंग प्रधान संपादक श्रीमान पंकज चंद्रवंशी की उपस्थिति में आसनसोल में “मंडे मोर्निंग रीडर्स फोरम” की आधिकारिक घोषणा कर दी गयी. मंडे मोर्निंग रीडर्स फोरम की पहली […]
बाल श्रमिक पर रोक लगाने में असमर्थ सरकार
शिल्पांचल में बाल श्रमिक कार्य करते देखे जा रहे हैं दुर्गापुर (14 नवंबर ) : देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु ने अपने जन्म दिन बच्चों को समर्पित […]
इस मजबूरी की वजह से मुकुल राय को लेना पड़ा भाजपा में
मुकुल राय के भाजपा में शामिल होने पर कहीं खुशी कहीं गम तमाम अटकलों के बीच आखिर मुकुल राय ने भाजपा का दामन थाम ही लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलिप […]
कैसे हो खुले में शौच मुक्त व्यवस्था का अंत !!
ग्रामीण स्वच्छता आज बहुत बड़ी चुनौती बन गयी है। जो पीने के पानी को प्रदूषित करने का सबसे बड़ा कारण है। घरेलू अपशिष्ट को नष्ट करने की सही जानकारी न […]
92 प्रतिशत लोग खराब वायु में सांस लेने को विवश हैं : विश्व स्वस्थ्य संगठन
अध्ययन में यह भी पता चला है कि आंतरिक वातावरण में प्रदूषण कीमात्रा शहरी बाहरी परिवेश के पर्यावरण ( ट्रैफिक के सहित) की अपेक्षा कहीं अधिक….
भिखारियों की समस्या भी देश की एक ज्वलंत समस्या है
भिखारियों की समस्या भी देश की एक ज्वलंत समस्या है भिक्षा वृति देश की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है,जिस पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। भारत में […]
यह जरूरी है कि छात्र अपने शिक्षकों का मूल्यांकन करें जैसे कि शिक्षक छात्रों का करते हैं
यह बहुत दुखद है कि भारत की शिक्षा की वर्तमान परम्परा अब पूरी तरह पाठ्यक्रम आधारित हो गयी है और उसमें कुछ दरारें पैदा हो गयी हैं। भारत में ….
गांधी जयंती क्यों ? गांधी – शास्त्री जयंती क्यों नहीं
महात्मा गांधी को देश के राष्ट्रपिता का दर्जा मिला। भारत को मिली स्वतन्त्रता का श्रेय उन्हें दिया। हालांकि इतिहासकारों में इसे लेकर मतभेद हैं फिर उनके योगदान को भुलाया नहीं […]
बच्चों के भविष्य के लिए सफलता घर से शुरू होती है
अपने बच्चों के सलाहकार बनें, उन्हें निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं करें, आपका सही परामर्श ही आपके बच्चे के जीवन को नयी दिशा देंगे …..
जाओ आज से हरी चटनी खाना शुरू कर दो कृपा आने लगेगी
हवश की शिकार महिलाओं को दिलाते हैं यकीन कि उसकी आत्मा है सबसे पवित्रगुरु ने उससे कहा कि वो हर किसी को स्पर्श नहीं करते हैं…….