गांधी जयंती क्यों ? गांधी – शास्त्री जयंती क्यों नहीं

महात्मा गांधी को देश के राष्ट्रपिता का दर्जा मिला। भारत को मिली स्वतन्त्रता का श्रेय उन्हें दिया। हालांकि इतिहासकारों में इसे लेकर मतभेद हैं फिर उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और वे युगों-युगों तक याद किए जाते रहेंगे। उनके जन्मदिन(2 अक्टूबर) को ‘गांधी जयंती’ के रूप में मनाया जाता है।

 

2 अक्टूबर को ही देश के एक और स्वतन्त्रता सेनानी का जन्मदिन है

जी हाँ बात लाल बहादुर शास्त्री की हो रही। है।  2 अक्टूबर 1904 को  गरीब परिवार में जन्में लाल बहादुर शास्त्री देश के पहले रेल मंत्री और दूसरे प्रधान की कुर्सी तक पहुंचे तो केवल अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और देशप्रेम की बदौलत,  उन्होने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया।  उनके कुशल नेतृत्व में देश ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को धूल चटा दिया। पाकिस्तान के सहयोगी रहे अमेरिका बार-बार युद्ध विराम और संधि का दबाव बनाने लगा। लेकिन शास्त्री अमेरिका की बात नहीं माने फिर। रूस की पहल पर वो समझौते के लिए राजी हुये और ताशकंद गए । जहां बहुत ही संदेहास्पद परिस्थिति में उनकी मौत हो गयी। जिस पर से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।

सादगी भरा रहा उनका जीवन

उन्होने अपने जीवन में कभी भी पद का दुरुपयोग नहीं किया एवं अपने निजी कार्यों के लिए सरकारी वाहन तक इस्तेमाल नहीं किया। उनके बारे में तो यहा तक कहा गया है कि ताशकंद जाते समय उनके पास गरम कपड़े नहीं थे। वे जो कोट पहन कर गए थे वह भी नेहरू के द्वारा दिया गया था। उनके जीवन कि सादगी  की लिस्ट बहुत लंबी है।

महात्मा गांधी का जीवन भी बहुत सादगी भरा रहा है।  दोनों स्वतन्त्रता सेनानियों के बहुत से गुण मेल खाते हैं।

उनके प्रधानमंत्री का कार्यकाल मात्र दो वर्षों का रहा (1964-1966)। लेकिन इन दो वर्षों में ही उन्होने भारतीय जन-मानस पर ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि लोग आज भी उनके जन्म दिवस पर उनकी अवहेलना से व्यथित हो जाते हैं।

गांधी जयंती के नाम देश में बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन शास्त्री जयंती को विरला ही किसी सरकारी आयोजनों में याद किए जाते हैं। इसका मुख्य कारण है  2 अक्टूबर को केवल गांधी जी को समर्पित किया जाना। । होना ये चाहिए था कि ये दिवस गांधी-शास्त्री जन्म दिवस के रूप में याद किया जाना चाहिए था।  लेकिन ऐसा होता नहीं है।

इसी मुद्दे पर देश की राय जानने के लिए ” मंडे मॉर्निंग ” की  तरफ से ये जनता की राय जानने का प्रयास किया गया है

 

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Last updated: अक्टूबर 16th, 2017 by Pankaj Chandravancee

Pankaj Chandravancee
Chief Editor (Monday Morning)
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