इस मजबूरी की वजह से मुकुल राय को लेना पड़ा भाजपा में
मुकुल राय के भाजपा में शामिल होने पर कहीं खुशी कहीं गम
तमाम अटकलों के बीच आखिर मुकुल राय ने भाजपा का दामन थाम ही लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलिप घोष ने एक शुक्रवार(3 अक्टूबर) को एक प्रेस वार्ता में मुकुल राय के भाजपा में शामिल होने की सूचना दी। इस बीच सभी मिडिया में लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रिया भी आने लगी।हालांकि भाजपा कर्मियों में इस निर्णय पर खुशी ही देखी गयी परंतु सभी ने बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी।
कभी ममता का दाहिना हाथ थे मुकुल
गौरतलब है कि मुकुल राय का सारदा घोटाले में नाम आने के कारण ही उन्हें तृणमूल पार्टी से पदमुक्त किया गया था। फिर काफी विवादास्पद परिस्थिति में दुबारा तृणमूल में पद दिया गया परंतु अब उनकी पहले वाली साख नहीं थी। एक समय में ममता बनर्जी का दाहिना हाथ माने जाने वाले मुकुल राय की अब ममता बनर्जी से दूरियां होने लगी थी। नतीजतन अब पार्टी में भी उनका कद घट गया था। बंगाल की राजनीति में हासिये में चले गये मुकुल राय ने भाजपा का दामन थाम कर दुबारा से सक्रिय होने की कोशिश की है।
भाजपा की भी अपनी मजबूरियाँ थी
प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी मुकुल राय को शामिल करने की अपनी मजबूरी बतायी। उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा को संघर्ष का तो लंबा अनुभव है लेकिन चुनाव जीतने का अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मुकुल राय बहुत ही अच्छे संगठक हैं उन्होंने तृणमूल पार्टी का गठन किया और उसे बुलंदी तक पहुँचाया। चुनाव जीतने का उन्हें अनुभव भी है। भाजपा मुकुल राय के इसी अनुभव को काम में लगाना चाहती है। प्रेस कांफ्रेस में दिलिप घोष पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनपर आरोप लगे हैं सिद्ध नहीं हुए हैं। भाजपा किसी के भी अपराधों का बचाव नहीं करेगी । कानून के नजर में जो दोषी होगी वह उसकी सजा का हकदार होगा। भाजपा उनका साथ नहीं देगी।
भाजपा में मुकुल राय जैसे बहुत नेता : दिलीप घोष
इससे ठीक एक दिन पहले ही दिलिप घोष ने दुर्गापुर में पत्रकारों को दिये बयान में कहा था कि मुकुल राय जैसे कई नेता भाजपा में आने के लिए लाइन में लगे हैं। हालांकि इस प्रेस वार्ता में फिर उन्होंने वही बात दुहराई कि तृणमूल में मुकुल राय बहुत बड़े नेता हो सकते हैं पर भाजपा में मुकुल राय जैसे कई नेता मौजूद हैं। दिलीप घोष का यह बयान बंगाल में भाजपा की असमंजस की स्थिति को दर्शाता है। एक तरफ तो वे कहते हैं कि बंगाल में भाजपा को जीत का अनुभव नहीं है इसलिए उन्हें मुकुल राय को शामिल करना पड़ा दूसरी तरफ यह भी कहते हैं कि भाजपा में मुकुल राय जैसे बहुत से नेता हैं। एक तरफ भाजपा सारदा घोटाले के आरोपियों की सजा की मांग करती है तो दूसरी तरफ वो मुकुल राय का बचाव भी कर रही हैं कि वे आरोपी हैं दोषी साबित नहीं हुये हैं।उन्होंने मुकुल राय को पद दिये जाने पर कोई पत्ता अभी नहीं खोला है और कहा कि समय आने पर उन्हें उपयुक्त पद दिया जायेगा।
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