92 प्रतिशत लोग खराब वायु में सांस लेने को विवश हैं : विश्व स्वस्थ्य संगठन

बहुत दिनों से यह देखा गया है कि हम अपने वातावरण की मूलभूत आवश्यकताओं के पालन नहीं कर रहे हैं। यह वास्तव में बहुत हास्यास्पद है कि कैसे इस प्रकार की अशुद्ध वस्तुएं अभी तक प्रचलित हैं और हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि इनके कारण वातावरण में रासायनिक, भौतिक और जैविक रूप में असामान्य परिवर्तन को स्वीकार करते आ रहे हैं, जो प्रदूषण का ही एक हिस्सा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार सम्पूर्ण विश्व की बीमारियों का 2.7%आंतरिक वायु प्रदूषण का प्रकटीकरण है और शेष 92%विश्व के लोग कमजोर गुणवत्ता वाली वायु में सांस लेने को विवश हैं। हमें पर्यावरण के प्रति और अधिक जिम्मेदार होने की आवश्यकता है.।

पटाखों की निर्माण प्रक्रिया भी फैलाते हैं प्रदूषण

हमारे लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए कि कैसे पटाखों से होने वाला प्रदूषण हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर सकता है , केवल प्रदूषित ही नहीं बल्कि यह ध्वनि प्रदूषण का भी कारण है। पुणे म्युनिस्पल कारपोरेशन ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है , जिसमें उन नगर अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के लिए सावधान होने को कहा है जिन्हें यह काम करना है। पटाखों के अलावा निर्माण सम्बन्धी क्रियाएँ भी प्रदूषण फैलाने में सहयोग देती हैं। इंडियन ट्रॉपिकल मेट्रियोलॉजी ने यह सिद्ध कर दिया है कि काले कार्बन का धुँआ जो इस शहर के ऊपर मंडरा रहा है वह भी तमाम बीमारियों का कारण है।

 

वाह्य प्रदूषण से ज्यादा खतरनाक आंतरिक प्रदूषण है

एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि आंतरिक वातावरण में प्रदूषण की एकाग्रता शहरी बाहरी परिवेश के पर्यावरण (साधारण ट्रैफिक के सहित) की अपेक्षा कहीं अधिक है। वर्तमान में हमारी आधुनिक सभ्यता लगातार परिवर्तित हो रही है और हर क्षण प्रदूषित भी हो रही है।

आंतरिक वायु प्रदूषण के सामान्य कारणों के अतिरिक्त यह देख गया है कि करीब-करीब सभी बड़े बिल्डर्स फ्लश किये हुए पानी को पुनः प्रवाहित कर रहे हैं । व्यवहारिक रूप से यह देख गया है कि सभी बड़े टाउनशिप क्षेत्र में नागरिकों ने यह पाया है कि पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है,यहाँ तक कि शौचालय का पानी भी सीधे रूप से सप्लाई किया जा रहा है जो सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों जैसे विभिन्न श्वास सम्बन्धी बीमारियां जैसे दमा, एलर्जी जैसी बीमारियों का कारण हो सकती हैं,जब हम इनके अधिक सम्पर्क में आते हैं।
जो खतरा ऐसे पानी से जुड़ा है, हमें लोगों में एक जाग्रति पैदा करनी चाहिए।

चारों ओर फैली उल्टी लेन वाली बदबू लोगों के जीवन को दयनीय बना देती है और वहाँ रहने वालों के स्वास्थ्य पर सवाल उठाती है।वास्तव में कुछ बीमारियां हाल में ही भड़की हैं और इसमें जमा हो रही गन्दगी बहुत बड़ा रोल अदा कर रही है। यह स्थिति नागरिकों के जीवन के लिए व्यापक हानि होगी। न केवल यह नष्टकारक प्रभाव अब इतना व्यापक और इसकी वृद्धि इतनी तीव्र गति से है कि प्रचलित प्रदूषण पूरे देश के हर मेट्रो सिटी का सबसे व्यापक चर्चा का विषय बन गया है।

Last updated: अक्टूबर 17th, 2017 by Jiban Majumdar

Jiban Majumdar
Columnist from Pune (Maharashtra) Active in generating Social Awareness campaign
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