सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ विश्राम , देवी चित्रलेखा ने सभी का मंगल होने का दिया आशीर्वाद
पश्चिम बंगाल पश्चिम बर्द्धमान जिले के अंडाल थाना क्षेत्र स्थित खास काजोड़ा की धरती पर विगत 13 मार्च से चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का समापन 19 मार्च गुरुवार को सम्पन्न हुआ । विशाल शोभा यात्रा से शुरू हुये इस भागवत कथा में हर रोज करीब पचास हजार लोग कथा श्रवण करने आए । हर दिन एक गणमान्य अतिथि के कर कमलों से कथा का उद्घाटन किया गया । पहले दिन ईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा, कथावाचक देवी चित्रलेखा एवं मुख्य आयोजक विशुनदेव नोनिया ने कथा का उद्घाटन किया ।
कई गणमान्य अतिथियों सहित लाखों लोग कथा में शामिल हुये
इस कथा में झारखंड के स्पीकर, हिन्द मजदूर सभा प्रदेश अध्यक्ष एवं कोलियरी मजदूर कॉंग्रेस के महासचिव एसके पाण्डेय, रानीगंज पंचायत समिति के सभापति विनोद नोनिया, आसनसोल कुल्टी के बोरो चेयरमैन संजय नोनिया सहित कई गणमान्य लोग कथा में शामिल हुये ।
श्रीराम सेना , मीडिया कर्मी सहित सभी को सम्मानित किया गया
कथा वाचक देवी चित्रलेखा की खास काजोड़ा की धरती पर यह दूसरी कथा थी, इससे पहले वर्ष 2018 में भी उसी स्थान पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया था।कथा के विश्राम दिवस के दिन काफी संख्या में भीड़ उमड़ी, इस कथा को सुगमता से सम्पन्न करने में सहयोग करने वाले सभी लोगों को सम्मानित किया गया । देवी चित्रलेखा को लाने में सहयोग करने वाले श्रीराम सेना को विशेष रूप से सम्मानित किया गया । कथा आयोजक मंडली के सदस्यों, मीडिया कर्मियों एवं दान देकर विशेष सहयोग करने वाले सभी लोगों को देवी चित्रलेखा के कर कमलों से सम्मानित किया गया ।
बिशुनदेव नोनिया ने गौ सेवा के लिए दिया डेढ़ लाख का अनुदान , कथा स्थल पर देवी चित्रलेखा पार्क बनाने की घोषणा
कथा के मुख्य आयोजक, अंडाल पंचायत समिति के सदस्य एवं तृणमूल नेता बिशुनदेव नोनिया ने देवी चित्रलेखा के नेतृत्व में चल रहे गौ सेवा धाम अस्पताल में चारा कटाई मशीन के लिए डेढ़ लाख रुपए का योगदान किया । बिशुनदेव नोनिया ने अपने दिवंगत पिता स्वर्गीय राम लखन नोनिया की पुण्य स्मृति में अपने पूरे परिवार की ओर से यह दान देवी चित्रलेखा को समर्पित किया ।
इस अवसर पर बिशुनदेव नोनिया ने कथा स्थल पर एक सुंदर पार्क बनवाने की भी घोषणा की एवं उसका नाम देवी चित्रलेखा पार्क रखने का ऐलान किया । उन्होंने बताया कि धर्म की ओर उनका कभी भी रुझान नहीं था, अपने जीवन में कभी भगवान को एक अगरबत्ती भी नहीं जलायी थी लेकिन देवी चित्रलेखा के भजनों का उनके हृदय पर गहरा असर हुआ और उन्होंने उनका एक सत्संग आयोजित करने का मन बनाया । प्रभु की कृपा से उनका संकल्प पूरा हुआ । सभी शिल्पाँचल वासियों के सहयोग से खास काजोड़ा की धरती पर दो बार भागवत कथा का आयोजन किया गया एवं आगे भी किया जाता रहेगा ।
कोरोना के कारण कई कथा आयोजन हुये रद्द
देवी चित्रलेखा ने विश्राम दिवस के दिन भागवत कथा एवं भागवत भजनों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया एवं झूमने पर विवश कर दिया । पाठकों को बता दें की वर्ल्ड संकीर्तन सेवा ट्रस्ट के नाम से देवी चित्रलेखा पूरी दुनिया में भागवत अलख जगा रही है । इस बार उनकी कथा पर कोरोना वायरस का छाया था लेकिन प्रभु कृपा से किसी का अनिष्ट नहीं हुआ । देवी जी ने सभी भक्तों से आग्रह किया कि कोरोना के प्रभाव को देखते हुये अब वे कहीं भी भीड़ न लगाएँ जब तक कि यह बुरे साया की समाप्ति नहीं हो जाती है । उन्होंने बताया कि कोरोनो के प्रभाव को देखते हुये भक्तों को अनिष्ट से बचाने के लिए उनके अगले कई कथा आयोजनों को स्थगित कर दिया गया ।
सुखद अनुभव लेकर वे अंडाल की धरती दे विदा हुई एवं सभी भक्तों के मंगल का आशीर्वाद दिया ।
Copyright protected