गर्भवती महिला से की मारपीट, दो माह का बच्चा खराब, एस०पी० से मदद की गुहार
साहिबगंज । नगर थाना क्षेत्र के गुल्लीभट्टा निवासी पूजा देवी, पति-धर्मेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा को एक आवेदन सौंपाते हुये मदद की गुहार लगायी है। आवेदन में पीड़िता ने उल्लेख किया है कि पिछले 7 अक्टुबर की शाम लगभग 7:00 बजे अपने आँगन में गड़े चापाकल से पानी लेने गई थी ।उसी वक्त मेरा सौतेला देवर सुशांत कुमार एवं सोनू सिंह एवं मेरी सौतेली सास देवंती देवी मेरे साथ गाली -गलौज करते हुये थप्पड़ व मुक्के से मारने लगे और फिर उसी वक़्त मेरे ससुर दिलीप सिंह भी आ गए । मेरा बाल पकड़ कर खींचने लगे ,और मेरे घर से दुकान में भी तोड़-फोड़ की। जिससे दुकान का तकरीबन सारा सामान बर्बाद हो गया। वहीं शोर -शराबा सुन मेरे पति बचाने आए, तब जाकर कहीं मेरी जान बची।
हालांकि जिस समय यह वारदात हुई उस वक्त मैं 2 महीने की गर्भवती थी। मारपीट के दौरान मेरे पेट में चोट पहुँची जिससे बेहद पीड़ा के साथ मेरा रक्त स्राव होने लगा। तब मैं इलाज हेतु सरकारी अस्पताल गई जहाँ मेरा समुचित इलाज ना करते हुये सरकारी डॉ० के द्वारा मुझे डॉ० किरण माला नर्सिंग होम रेफर कर दिया गया। हालाँकि उस वक्त मेरे पास अपना नर्सिंग होम में इलाज कराने हेतु धन नहीं था। इसीलिये डॉ० किरण माला के यहाँ पहुँचने से पूर्व मैं अपनी व्यथा लेकर नगर थाना पहुँची। जहाँ मैंने तकरीबन 8:30 बजे लिखित शिकायत कर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की ओर फिर पैसों की व्यवस्था कर जब मैं डॉक्टर किरणमाला के पास पहुँची, तो वहाँ 2 दिन तक मेरा इलाज चला तदोपरांत दिनांक 9 अक्टूबर को किरण माला नर्सिंग होम में ही मेरा गर्भपात करवाया गया और डॉक्टर किरणमाला ने बताया कि आपका बच्चा दुनिया में आने से पहले ही पेट में ही मर चुका है। उनकी यह बात सुनते ही जैसे मेरे ऊपर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा जैसे -तैसे अपने आपको सम्हाल मैं फिर से नगर थाना पहुँची।
मामले के बारे में जानकारी दी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की। जहाँ से मुझे कार्यवाही का आश्वासन देकर भेज दिया गया । परंतु जब मेरी शिकायत के 6 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होती देख मैंने दिनांक 14 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक आवेदन दिया था । जहाँ से साहिबगंज पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा नगर थाना को मामले में एफ आई आर करने का निर्देश दिया गया था। परंतु पुलिस अधीक्षक के निर्देश देने के बाद मुझे थाना बुलाया गया जहाँ मेरे ससुर दिलीप सिंह पहले से मौजूद थे। जिनको नगर थाना ने एक कुर्सी पर बैठा रखा था और मुझे डाँट -डपट कर कहा गया कि एस पी के पास जाने से कोई फायदा नहीं होगा। मेरा नाम प्रमोद कुमार है । मैंने जो चाहा है हुआ है आप समझौता कर लो इसी में तुम्हारी भलाई है वरना तुम्हें बर्बाद कर देंगे।
इस संबंध में एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने बताया कि पीड़ित महिला द्वारा आवेदन दिया गया है। मामले को नगर थाने को सुपुर्द किया गया है, मामले की जाँच कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी।
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