सालानपुर ब्लॉक के बाथानबाड़ी गाँव में धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस
सालानपुर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आह्वान पर राज्यभर में विश्व आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया जा रहा है। सोमवार को पश्चिम बर्द्धमान जिला प्रशासन एवं सालानपुर पंचायत समिति की साझा तत्वाधान में बाथानबाड़ी गाँव विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। आयोजन में मुख्य रूप से पश्चिम बर्द्धमान जिला सभाधिपति सुभद्रा बाउरी, पश्चिम बर्द्धमान जिला शासक विभु गोयल, बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय, दुर्गापुर पूर्व विधानसभा विधायक प्रदीप मजुमदार, अतिरिक्त जिला शासक संदीप टुडू, जिला परिषद विभागाध्यक्ष मो०अरमान, जिला परिषद सदस्य कैलाशपति मंडल, सालानपुर पंचायत समिति सभापति फाल्गुनी कर्मकार घासी एवं सालानपुर बीडीओ अदीति बसु से संयुक्त रूप से दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत आदिवासी समुदाय के माध्यमिक तथा उच्चमध्यमिक के 12 मेघावी छात्र-छात्राओं को (एकलव्य योजना) से सम्मानित किया गया। दर्जनों परिवारों को मंच से जाती प्रमाण-पत्र भी दिया गया।
कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों का पारंपरिक आदिवासी नृत्य के साथ स्वागत किया गया। आयोजन में उपस्थित जिला शासक विभू गोयल ने आदिवासी समुदाय की इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासी समाज के मुख्यधारा से जोड़ने और आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा तरह-तरह के सरकारी कार्यक्रम और गैर-सरकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। देश की आजादी में आदिवासी समाज के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
समाज के मुख्यधारा से कटे होने की वजह से दुनियाभर में आदिवासी लोग आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। उपस्थित जिला सभाधिपति सुभद्रा बाउरी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता दीदी आदिवासियों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जय जोहार योजना से आदिवासियों को आर्थिक सहायता प्रदान किया गया। सरकार की शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोंच के कारण माध्यमिक में सालानपुर ब्लॉक के राहुल हासदा ने 92.14 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आदिवासी समाज का नाम रौशन किया है।
बाराबानी विधायक विधान उपाध्याय ने कहा कि विश्व के लगभग 90 से अधिक देशों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं। इसके बावजूद आदिवासी लोगों को अपना अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आज दुनियाभर में नस्लभेद, रंगभेद, उदारीकरण जैसे कई कारणों की वजह से आदिवासी समुदाय के लोग अपना अस्तित्व और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किन्तु पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार औरमुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासियों के उत्थान के लिए आदर्श है, जिन्होंने राज्य में सभी समुदायों को सामान अधिकार दिया है।
मौके पर पंचायत समिति सहसभपति विद्युत मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता भोला सिंह, देंदुआ ग्राम पंचायत प्रधान सिमुला मरांडी, उप-प्रधान रंजन दत्तो, पंचायत समिति विभागाध्यक्ष सुशांतो हेम्ब्रम, रूपनारायणपुर पंचायत प्रधान रानू रॉय समेत अन्य उपस्थित थे।
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