रैयतों को एनएचआई वा रिलाइंस के द्वारा घर वा मकान तोड़ने की मिली धमकी, मुआवजा मामले में टिटही के भू-रैयतों के साथ आनाकानी
चौपारण प्रखंड के सिंघरावां पंचायत के जीटी रोड टिटही के भू-रैयतों पर दोहरी चाल चला जा रहा है। एक तरफ रैयतों द्वारा अपर समाहर्ता न्यायालय में परिवाद दायर करने के उपरांत उचित मांग को देखते हुए रैयतों के पक्ष में फैसला दिया गया। उसमे कहा गया कि भू-अर्जन द्वारा तय की गई मुआवजा राशि बहुत ही कम है। इसपर विचार कर उचित मुआवजा दिया जाय। इस फैसले के खिलाफ एनएचएआई ने न्यायालय में अपील कर दिया। एनएचएआई एक तरफ न्यायालय में अपील किया है, वहीं दूसरी तरफ जब मर्जी होता है पोकलेन मशीन लेकर दवंगता पूर्वक मकान-दुकान तोड़ने पहुंच जाता है। मंगलवार उसी घटना को पुनः दोहराया गया और एनएचएआई इंजीनियर कलीम अख्तर अंसारी, रिलाइंस इंफ्रास्ट्रक्चर लाइजनिग अधिकारी कृष्णमोहन शुक्ला, मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार पोकलेन मशीन लेकर मकान-दुकान तोड़ने पहुंच गया। मजिस्टेट मुकेश कुमार से रैयत बीरेंद्र राणा व मिथिलेश्वर प्रसाद राणा के पुत्र हरेंद्र राणा ने न्यायालय का लिखित आदेश दिखाने का मांग किया तो उन्होंने किसी प्रकार का आदेश नही दिखाया और तोड़ने पर रोक लगा दिया। वही एनएचआई इंजीनियर कलीम अख्तर अंसारी ने दवंगता पूर्वक पोकलेन ऑपरेटर रामदेव यादव को तोड़ने को मजबूर किया और न्यायालय का अवमानना किया। इस तरह के करवाई व प्रशासन के खेल में डर-डर कर जीने को विवश हो रहे है। सिक्स लेन निर्माण में भू-रैयतों की भूमि को कूड़े की भाव से मुआवजा राशि तय कर रैयतों का पूर्वजो की अमानत को हड़प रही है। मालूम हो कि रैयतों ने न्यायालय में परिवाद दायर करते हुए उचित मुआवजे की मांग 2014-15 में किया था। रैयतों का कहना है कि लगभग 50 वर्षों से यह भूमि कॉमर्सियल के रूप में उपयोग करते हुए सरकारी राजस्व देते हुए खरीद-बिक्री किया गया है। इसके बाद भी भू-अर्जन टिटही को 3 नंबर टांड का दर्जा देकर कूड़े की भाव से मुआवजा राशि तय कर रैयतों को घुट-घुट कर मरने पर विवश कर दिया है। रैयतों द्वारा न्याय की गुहार पर अपर समाहर्ता न्यायालय ने परिवाद का उचित करवाई की प्रक्रिया पूरी कर जिला भू-अर्जन और एनएचआई को आदेश दिया था कि रैयतों को उचित मुआवजा राशि दिया जाय। अपर समाहर्ता न्यायालय के आदेश को नकारते हुए उनके विरुद्ध एनएचआई ने जिला न्यायालय में अपील किया, जो न्यायालय में मामला लंबित है। एनएचआई एक तरफ अपर समाहर्ता न्यायालय के आदेश का विरोध कर न्यायालय में अपील किया है। वही दूसरी तरफ टिटही के रैयतों को दवंगता से मकान व दुकान तोड़ने पर विवश कर रही है। मालूम हो कि न्यायालय अपर समाहर्ता आर्बिट्रेटर एनएच-2 हजारीबाग ने बजरिये नोटिस देकर चौपारण प्रखंड के सिंघरावां पंचायत के एनएच 2 के किनारे बसे टिटही के रैयतों को अपर समाहर्ता दिलीप तिर्की ने 5 दिसंबर 2017 को कन्या प्राथमिक स्कूल टिटही में न्यायालय शिविर का आयोजन किया था। अपर समाहर्ता ने दोनों गांव के रैयतों की मांग एवं समस्याओं को एक-एक कर सुने। जिसमें रैयतों की भूमि और उस पर व्यवसाय कर जीवन यापन करने के लिए संचालित दुकान को कौड़ी के भाव से मुआवजा दिये जाने की बात सुनी। कम मुआवजे राशि से आहत होकर टिटही के भू रैयत मिथिलेश्वर प्रसाद राणा, बीरेंद्र कुमार राणा, किशुन राम, अजय कुमार सिन्हा, ललिता देवी, प्रकाश राम, गिरधारी राम, लालजी राम, रामाधीन राम, मनोरमा देवी (अशोक सिन्हा), काली राम, जगन्नाथ राम, सीताराम वर्मा, चमरू राम, नितेश कुमार एवं बच्छई के महेंद्र कुमार राणा ने न्यायालय का शरण लिया था। जिसका निष्पादन कन्या प्राथमिक विद्यालय टिटही में अपर समाहर्ता तिर्की द्वारा कर आश्वासन के पांच माह बाद पुनः जांच टीम गठित कर सीआई नवल किशोर, हल्का कर्मचारी मो समीम अंसारी, अमीन बिरजू राणा टिटही एवं बच्छई एनएच 2 स्थल निरीक्षण कर अपना रिपोर्ट जमा किये थे। न्यायालय के सभी प्रक्रिया पूर्ण किये पांच साल से अधिक समय होने को है। इसके बाद भी रैयतों को उचित मुआवजा राशि नही मिला है। जिससे रैयतों के बीच असंतोष की भावना उत्पन्न होने लगा है। अब सवाल उठता है कि एनएचआई अपर समाहर्ता न्यायालय के आदेश का खिलाफ कर अपील किया है। मकान और जमीन छीन जाने के बाद रैयत न घर का और न ही घाट का रह जायेगा। टिटही-बच्छई के रैयतों ने मांग किया है कि अपर समाहर्ता न्यायालय को मानते हुए मुआवजा दिया जाय या एनएचआई द्वारा न्यायालय में किया गया। अपील को न्यायालय द्वारा जजमेंट आने के बाद ही मकान तोड़ने और जमीन अधिग्रहित किया जाय। साथ ही कहा कि सिंघरावां को भी 3 नंबर टांड का दर्जा दिया गया था। जिसे निवर्तमान डीसी ने खारिज करते हुए उसे आवासीय भूमि का दर्जा देकर 2 हजार से बढ़ा कर एक लाख 2 हजार 737 रुपये डिसमिल कर रैयतों को मुआवजा दिया जा रहा है। तो फिर टिटही के रैयतों को अपर समाहर्ता के फैसले को क्यों नही माना जा रहा है? साथ न्यायालय के आदेश आने से पूर्व एनएचआई इंजीनियर कलीम अख्तर अंसारी ने जबरन तोड़ने का आदेश दे रहे है। जबकि उपायुक्त हजारीबाग के निर्देशन पर बरही एसडीओ द्वारा नियुक्त मजिस्टेट मुकेश कुमार के द्वारा मना करने के बाद भी एनएचआई अधिकारी दबंगई दिखा कर मकान व दुकान तोड़ रहे है।
Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View