धनबाद में चोरी का कोयला बिकता है बोलो खरीदोगे, बीसीसीएल के स्टॉक में कोयले का टोटा,बिजली कंपनियों की कोयला आपूर्ति भी ठप
धनबाद। बीसीसीएल के स्टॉक में कोयला नहीं है। बिजली कंपनियों को ही कोयला आपूर्ति करने में कोल कंपनियाँ हांफ रही हैं। इसका खासा असर बिजली की लोड वेडिंग तथा स्थानीय उद्योगों पर पड़ रहा है। हालत यह है कि चोरी के कोयले की बोली लग रही है। कई उद्योग चोरी के कोयले के भरोसे जिंदा हैं। कोयला संकट के कारण चोरी के कोयले की मांग बढ़ी हुई है। कई दिन पहले से साइकिल वालों की बुकिंग हो रही है। धनबाद में कई तरह के कोयला आधारित उद्योग हैं जिन्हें कोयला संकट का सामना करना पड़ रहा है। एक बड़े उद्यमी ने मौँजूदा स्थिति पर कहा कि बहुत खराब हालत है। साइकिल से कोयला ले कई उद्यमी भट्ठे को जिंदा रखे हुए हैं।
कोयला आधारित उद्योगों के लिए यह बहुत खराब स्थिति है। कोयला संकट की स्थिति इतनी खराब है कि कोयले के आभाव में ई-ऑक्शन में बुकिंग किए गए कोयले का उठाव नहीं हो रहा। डीओ तक रिफंड हो रहे हैं। कुसुंडा एरिया एवं बस्ताकोला क्षेत्र में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। दोनों एरिया जीएम को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की ओर से चिट्ठी लिख कोयले का उठाव नहीं होने की शिकायत तक की गई। बीसीसीएल के डीटी,सीएमडी एवं कोल इंडिया के डायरेक्टर मार्केटिंग को भी चिट्ठी भेजी गई है।
बीसीसीएल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्टॉक में कोयला नहीं है। आधिकारिक रूप से पाँच लाख टन कोयला स्टॉक में होने की बात कही जा रही है। वैसे जमीनी स्थिति इससे उलट है। बीसीसीएल के सिर्फ तीन एरिया में थोड़ा बहुत कोयला स्टॉक में है। बाकी एरिया में रोज पकाओ और खाओ वाली स्थिति है। जितने कोयले का खनन हो रहा डिस्पैच किया जा रहा है।
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