शहीद सदानन्द झा के पुण्य तिथि पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया
शहीद सदानन्द झा की शहादत दिवस के मौके पर बुधवार को गोमो में उनकी प्रतिमा पर टुंडी के पूर्व विधायक राजकिशोर महतो तथा मार्केट के दुकानदारों के द्वारा माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट के सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रक्खी।
इस दौरान मार्केट तथा सब्जी मार्केट के दुकानदारों के द्वारा हर साल की तरह खिचड़ी का आयोजन कर लोगों में बाँटा गया। मौके पर समाज सेवी विदया नन्द यादव ने कहा कि 11 मार्च 1974 को कुछ असामाजिक तत्व के द्वारा गरीबों के मसीहा और हमारे बड़े भाई जैसे शहीद सदानन्द झा को इसी मार्केट के पास दोपहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
1970/71 में महजनी एवं साहू कारी प्रथा के खिलाफ शिबू सोरेन और स्व0 विनोद विहारी महतो के उस आंदोलन में सदानन्द झा काफी सक्रिय साथ दिए थे। और इस आंदोलन के प्रथम शहीद सदानन्द झा ही थे। यह रेलवे मार्केट शहीद सदानन्द झा की याद की निशानी है। इसको रेलवे द्वारा तोड़ने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने शिबू सोरेन तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किये हैं कि शहीद सदानन्द झा रेलवे मार्केट उनके नाम की आखिरी निशानी को ना तोड़ा जाए। वहीं सब्जी दुकानदार नन्द किशोर झा ने काफी मायूस होकर कहा कि आज अगर सदानन्द भैया जीवित होते तो गोमो का नक्शा ही कुछ और होता , इसी तरह रेलवे द्वारा हजारों फुटपाथ दुकानदारों को नहीं उजाड़ दिया जाता । वो गरीबों की आवाज थे।
उनके हक के लिए लड़ने वाले व्यक्ति थे। आज गोमो के लोगों को उनकी बहुत याद सताती है। दुकान टूटने से सदमे में कई दुकानदार बीमार हैं एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। गोमो खंडर में तब्दील हो गया है। उनकी याद में हर साल रेलवे फुटबॉल मैदान में 11 मार्च से 19 मार्च तक मेला का आयोजन किया जाता है। सिर्फ उनकी यादें ही लोगों के दिलों में रह गई है।
मौके पर , नुमान अहमद , सुरेन्द्र यादव , विधानन्द यादव , नन्द किशोर झा , अरविंद कुमार , अशोक पाठक , खेमलाल रविदास , फिरोज खान , बरुन दत्ता , ख़ालिद अंसारी , केश्टो मंडल आदि लोग उपस्थित थे।
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