ग्राम पंचायत के नए प्रधान वीर बहादुर को लेकर विवाद
अंडाल थाना अंतर्गत बहुला ग्राम पंचायत में प्रधान का दायित्व वीर बहादुर सिंह को दिया गया है। लेकिन उनके विरोध में पंचायत कार्यालय में पोस्टर लगा दिया गया। इस पोस्टर में उन्हें कोयला, लोहा और तेल कटिंग के अवैध कारोबार में जुड़े रहने का आरोप लगाया गया है। पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद विवाद सामने आया है। वीर बहादुर सिंह वाम मोर्चा के शासनकाल में भाजपा से जुड़े हुए थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।
प्रखंड अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के करीबी थे। तृणमूल समर्थकों के साथ मारपीट का मामला भी दर्ज हुआ था। बहुला ग्राम पंचायत 40 वर्षों से माकपा के कब्जे में था। वर्ष 2013 के पंचायत चुनाव में सत्ता परिवर्तन के बाद भी वाम मोर्चा के कब्जे में गई थी। जहाँ की 20 सीटों में 17 सीटों पर माकपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी। जबकि मात्र 3 सीट पर तृणमूल को जीत मिली थी। इस बार के चुनाव में 20 सीटों में मात्र एक सीट पर चुनाव हुआ था।
वीर बहादुर सिंह ने कहा कि ये विरोधियों का काम है, प्रधान बनने से उन्हें ज्यादा खुशी नहीं हुई है, खुशी तब होगी जब वे इलाके का विकास कर सकेंगे। पोस्टर के संबंध में कहा कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं प्रखंड अध्यक्ष नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती ने कहा कि वीर बहादुर के खिलाफ कोई भी मामला थाने में दर्ज नहीं है, उनके खिलाफ लगाया गया पोस्टर विरोधियों का काम है। वीर बहादुर काफी समय से तृणमूल कांग्रेस के सक्रिय कर्मी रहे हैं। उम्मीद है कि वह पंचायत के विकास के लिए भी प्रयासरत रहेंगे।
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