राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का एक समुचित व्यवस्था -प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश की गांव में रहने वाली जनता को उनके ही क्षेत्र में आजीविका चलने हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रोजगार दिया जाता है। ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं जिनमे से एक NRLM भी है। एनआरएलएम का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार को रोजगार के अवसर प्रदान कर ग्रामीण गरीबी को कम करना है। उक्त बाते आज राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के 10वे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में एनआरएलएम के पूर्व प्रशिक्षक सह प्रखंड साक्षरता समिति चौपारण के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक मुकुंद साव ने कहा, उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें देश में चलाया जा रहे कल्याणकारी योजनाओं के जरिये आजीविका हेतु आत्मनिर्भर बनाना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 2011 में आजीविका-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की शुरूआत की थी।
वर्ष 1999 में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY) मनाम से इस योजना को चलाया गया था। जिसका वित्त वर्ष 2010 -11 के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में लागू किया गया। वर्तमान समय में इसे दीनदयाल अंत्योदय योजना –राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत 01 अप्रैल 2013 को विधिवत से हुई थी, इस वर्ष यह मिशन अपना 10 वा स्थापना दिवस मना रही है, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य है कि देश की ग्रामीण जनता जो कि आर्थिक रूप से कमजोर है और जिनके पास आय का कोई खास साधन नहीं है उन्हें सक्षम बनाने के लिए प्रभावशाली मंच प्रदान करना, गरीब परिवार को रोजगार के अवसर प्रदान करना, सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण जनता को आजीविका हेतु सहायता प्रदान करना, गरीबों की आजीविका में सुधार लाना है, श्री साव ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का काम है समूह के संघ का निर्माण करना, गरीब परिवारों में न्यूनतम एक महिला को स्वयं सहायता समूह के साथ जोड़ना, उन्हें प्रशिक्षण देना और ग्रामीण महिलाओं के कौशल का विकास करना, ग्रामीण गरीब परिवार की वार्षिक आय ₹100000 से अधिक करना इत्यादि, इस प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है जो भारत की गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है, भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना का लाभ शत प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं को मिले इसके लिए प्रखंड साक्षरता समिति प्रतिबद्ध है, बीपीएम ने कहा कि jslps से संपर्क स्थापित कर योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सभी साक्षरता कर्मी को लगना है और अधिक से अधिक जनता को लाभ दिलाना है,कार्यशाला का संचालन बालेश्वर साव ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन रामसेवक कुमार दांगी ने किया, कार्यशाला में सैकड़ों साक्षरता कर्मी शामिल थे।
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