या हुसैन या हुसैन के नारे से गुंजा इस्पात नगरी
दुर्गापुर: हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है कर्बला के मैदान में अपने इमाम की खातिर 400 वर्ष पूर्व आज के दिन हजरत हुसैन अपने साथियों के साथ असत्य और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ते अपने कुर्बानी दे डाली थी उनके इस बलिदान की याद में इस्लामिक कैलेंडर के प्रथा के अनुसार आज के दिन ही रविवार को मोहरम मनाया गया जाता है।
कई दिनों से चल रही थी तैयारी
सभी जाति धर्म के संप्रदाय के लोग इस में भाग लेकर संप्रदायिक मिलजुल का परिचय देते हैं। कई दिनों से चल रही तैयारियां के बाद आज सुबह ताजिया निकाली गई. शाम को दुर्गापुर शिल्पांचल के विभिन्न इलाके के मेन गेट, कादा रोड, आमराईरा मस्जिद, डीटीपीएस बेनाचिति, चंडीदास, मूचीपाड़ा , नहींम नगर आदि जगहों से ढोल नगारे की गूंज के बीच एक से बढ़कर एक सजे-धजे ताजिया जुलूस अखाड़े निकाले गए क्रम में पूरा शहर या हुसैन या हुसैन या अली के नारे से गूंजता रहा ।
नगर के विभिन्न मार्ग से होकर गुजरते हुए मेन गेट के समीप ताजिया जुलूस एक साथ हो गई इसके बाद सभी आपस में विधिवत मिलन हुआ वहां परंपरिक रस्म अदाएगी के बाद सभी ने हजरत इमाम हुसैन के बताए हुए रास्ते पर चलकर मानवीय मूल्यों की रक्षा तथा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया।इस दौरान सड़कों पर जन सैलाब उमड़ रहा था किसी प्रकार का अप्रिय घटना नहीं होने के लिए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे
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