एक और दो के सिक्के नहीं लेने वाले पर देशद्रोह के मामले में हो सकती है कानूनी कार्रवाई
शहर में पिछले कई दिनों से एक और दो के सिक्के से लोग इस कदर भाग रहे हैं, जैसे मानो 500 और 1000 के नॉट की तरह इसे भी बंद कर दिया गया है। पर ऐसी बात नहीं है एक और दो के सिक्के को कानूनी तौर पर कोई भी नोटिफिकेशन के तहत इसे बंद नहीं किया गया। हम जनमानस एवं व्यापारी ने इसे खुद बंद कर दिए है। यदि कोई व्यक्ति एक और दो के सिक्के से परहेज करें तो संबंधित थाना को सूचित करें। सिक्के या नोट को चलन से बाहर करने का अधिकार केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का है। इसके लिए आरबीआई की ओर से निर्देश जारी किए जाते हैं, सिक्के या नोट चलन से बाहर करने के लिए लोगों को इन्हें लोटाने का समय दिया जाता है। आरबीआई के निर्देशानुसार बैंक और व्यापारी सिक्के लेने से मना नहीं कर सकते हैं। लीड बैंक अधिकारी के मुताबिक यदि कोई भी दुकानदार या बड़ा व्यापारी लेने से मना करता है तो उसकी शिकायत संबंधित थाना में कराई जाए। हजारीबाग सदर थाना प्रभारी गणेश सिंह ने बताया कि यदि भारतीय मुद्रा को कोई लेने से इंकार करता है तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हर लोगों को देश में चलने वाले हर मुद्रा का आदान प्रदान अवश्य करना चाहिए। भारत सरकार के द्वारा बगैर नोटिफिकेशन के कोई भी व्यक्ति यदि कहता है कि नोट या सिक्का बंद हो गया है तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई करने के लिए पुलिस प्रशासन बाध्य है। मैं हजारीबाग जिला वासियों से अनुरोध करता हूं कि आप सभी एक और दो के सिक्के का आदान प्रदान अवश्य करें सिक्के को बंद नहीं किया गया।
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