झांझरा परियोजना ने पिछला रिकॉर्ड को तोड़ रचा नया रिकॉर्ड
ईसीएल के झांझरा क्षेत्र ने भारतीय भूमिगत खदान में एक और इतिहास 15 मार्च को रच दिया झांझरा परियोजना ने 15 मार्च तक अपनी कोयला उत्पादन लक्ष्य 35 लाख मैट्रिक टन का पीछा करते हुए 16 दिन पहले ही 33 लाख 86 हजार 280 मैट्रिक टन कोयला उत्पादन करके के पिछले वितीय वर्ष 2018.2019 में 15 मार्च तक किये गये 33 लाख 76 हजार 155 मैट्रिक टन का रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है ।
इस उपलब्धि पर ईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने झांझरा के जूनियर सीनियर अधिकारियों मजदूर संगठनों के नेताओं कर्मियों ठेकेदार श्रमिकों समस्त सभी को इस महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिये आभार व्यक्त किया है।
तकनीकी निदेशक जयप्रकाश गुप्ता टीएस टू सीएमडी नीलानदरी राय ने भी इस उपलब्धि पर झांझरा परियोजना के अधिकारियों कर्मचारियों मजदूर संगठनों के नेताओं और ठेकेदार के कर्मियों को बधाई देने के साथ ऐसी ही गति बनाये रखने की उम्मीद जताई है कि 31 मार्च तक झांझरा परियोजना अपने लक्ष्य से ज्यादा कोयला उत्पादन करके इतिहास बनाये ।
इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय सभागार में महाप्रबंधक अजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में सभी मज़दूर संगठनों के नेताओं अधिकारियों एवं सभी विभागों के कर्मियों साथ बैठक करके सभी ने एक दूसरे को बधाई देने के साथ जीएम ने कहा कि झांझरा माइंस वर्ष 1985.1986 में रुस की सहयोग से कोयला उत्पादन का कार्य शुरू किया और 85 हजार मैट्रिक टन कोयला उत्पादन से सफर शुरू किया था और कोयला उत्पादन में लगातार बढ़ौतरी होने के चलते झांझरा आज भूमिगत खदान का सिरमौर बना हुआ है ।
जीएम ने बताया कि 5 वर्षों के प्रदर्शन को देखते ऐसा लगता है कि झांझरा परियोजना मशीनिरीकृत भूमिगत खदान में कोयला उत्पादन में दुनिया की पहली खदान बन जाय ।
इस अवसर पर सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार, डीजीएम आरसी मोदी, प्रबंधक प्रवीर कुमार मंडल , कार्मिक प्रबंधक एसपी राय सभी संगठनों के मज़दूर नेता शबे आलम, एमडी नसरुद्दीन, विन्दुदेव जोश ,आशिमा बनर्जी समेत अन्य उपस्थित थे ।
Copyright protected
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View