भारतीय संस्कृति को समर्पित भाषा हिंदी, देश को समृद्ध बना रही है
रानीगंज । मेजिया थर्मल पॉवर में आयोजित हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पानागढ़ सेना छावनी के कर्नल अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी बहुभाषी संस्कृति एवं बहुआयामी राष्ट्र हिंदुस्तान को एक सूत्र में पिरोने वाली एकमात्र संवृत परिष्कृत संस्कृती व सहज भाषा है. हिंदी जो आने वाले समय में विश्व की अग्रणी भाषाओं की सूची में शामिल होने जा रही है, आज विकास व प्रतिस्पर्धा की होड़ में हम भारतवासी क्यों हिंदी को दरकिनार कर दूसरे राष्ट्रभाषा की भाव को अपना रहे हैं,
यह विडंबना ही है कि हिंदी भारत की एकता अखण्डता की भाषा है, लेकिन इसे बोलने में हम शर्म महसूस करते है. हिंदी मुख्य अभियंता चंद्रशेखर त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी आज विश्व मैं अनेकों देश में बोली व पढ़ी जाती है, यह एक समृद्ध भाषा है. भारतीय संस्कृति को समर्पित भाषा हिंदी है, यह भाषा भारतीय मूल के लोगों के बीच आत्मीयता के संबोध सूत्र स्थापित कर देश को समृद्ध बनाने में भूमिका निभा रही है. वरिष्ठ अभियंता बीरबल ने कर्मियों से कहा कि दैनिक कार्यक्रम में हिंदी का उपयोग करें,
हिंदी का प्रचार-प्रसार करें. कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी अधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने परियोजना में वर्षभर हिंदी में कार्यक्रम कार्यशाला संगोष्ठी आदि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज यह भाषा मात्र किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि पूरे देश की आत्मा की भाषा है. पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए उपस्थित विजेताओं को पुरस्कृत की गई.
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