सातवीं मुहर्रम से इमामबाड़ों पर लहराया फरारा, फातेहा खानी शुरू
लोयाबाद कत्ले हुसैन असलमें मरगेजीद है। इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद।या अली,या हुसैन आदि नारो के बीच मुहर्रम पर्व की शुरूआत हो गई। मंगलवार को बाद नमाजे असर शाम 5 बजे इमाम बाड़ा पर इमाम हुसैन के नाम फातेहा खानी हुई। सात नंबर के इमाम अब्दुल खालिक कादरी साहब ने शोहदाये कर्बला व इमाम हुसैन सदके में इस महामारी से निजात के लिए दुआ मांगी। सबको नेक इंसान बनाने की इल्तेज़ा अल्लाह पाक से की गई। इसके बाद इस्लामी परचम बलन्द किया गया। नौजवान बच्चे बुढ़े व मुस्लिम औरते भी इस नियाज फातेहा खानी की हिस्सा बनी।
नाएबे इमाम इमरान रेजा ने मोहम्द (स) की शान में जब पढ़ा दींन का डंका बजाया अली के लाल ने, तो पूरा आशिके हुसैनी झूम उठा,एक से बढ़कर एक शेर पेशकर शहीदे कर्बला याद ताजा कर दी। इसके बाद क़ासिद ( पाईक) वाले ने या हुसैन या आली नारो के साथ इमाम बाड़े में गश्त (परिक्रमा )किये। लोयाबाद 7 नंबर 8 नंबर,6 नंबर 5 नंबर, कनकनी, मदनाडीह, बाँसजोड़ा, नया धौड़ा, कोकप्लांट,पवार हाउस आदि क्षेत्रों में मुहर्रम की 7 वीं तारीख पर नियाज व फातेहा खानी आयोजन हुआ। 7 नंबर में तकरीबन 40 पैग वाले परिक्रमा कर कर्बला के लिए रवाना हुए।
सोशल डिस्टेंसिग के हिसाब से मज़हबी परम्परा निभाऐं:-इम्तियाज़ व असलम
मुस्लिम कमिटी के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद व महा मंत्री अस्लम मंसूरी तमाम गाँव वाले को पाईक वालों को नियन्त्र व निगरानी करने को कहा है। उन्होंने कोरोना काल के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिग के हिसाब से मज़हबी परम्परा निभाने की अपील की है। बेहुरमती का खास ख्याल रखने को अपील की गई है।
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