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नहाय खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ महापर्व आज से शुरूआत

सूर्य की उपासना सहित आस्था विश्वास व श्रद्धाभक्ति का महापर्व है छठ। छठ पर्व में षष्ठी माता के प्रति व्रतियों की निष्ठा व भक्ति देखते ही बनती है। यह पर्व पूर्व में सिर्फ बिहार राज्य में मनाया जाता था। परंतु अब तो झारखण्ड सहित अन्य राज्यों में भी विख्यात हो गया है।

05 अप्रैल मगंलवार को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ महापर्व प्रारंभ हो जायेगा। छठवर्ती स्नान कर नहाय खाय की प्रथा को निभाने के तहत कद्दू-भात खाकर, अगले दिन पंचमी को दिन भर निर्जला उपवास रखते है तथा रात्रि में खरना के निमित खीर अर्पण कर स्वयं भी खाने का विधान है। सप्तमी को नदी व तालाबों में उदयमान सूर्य को अर्ध्य देकर इस महापर्व का समापन किया जाता है।

साल में दो बार मनाया जाता है छठ पर्व महोत्सव

छठ महापर्व में भगवान सूर्य की पूजा होती है। यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को एवं दूसरी बार कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को। चैत्र मांस में मनाये जाने वाले पर्व को चैती छठ एवं कार्तिक छठ के नाम से जाना जाता है। इस महापर्व के तहत व्रती कार्तिक माह व चैत मांस आरंभ होते ही नियम पालन करने को बाध्य हो जाते हैं।

छठ में 9 प्रकार के चढ़ाए जाते है फल

छठ पर्व में चढ़ने वाली तमाम पूजन सामग्री में 9 प्रकार के फल होते हैं, जिसमें सेव, केला, संतरा, बेर, नारियल, अमरूद, शरीफा, गन्ना आदि शामिल रहते हैं। साथ ही आटे का ठेकुआ भी चढ़ाया जाता है। छठ व्रतियों के लिए पूरे मांस लहसुन, प्याज, मांस मदिरा, मछली आदि का सेवन वर्जित रहता है।

नहाय-खाय से होती है व्रत की शुरूआत

छठ व्रतधारी चतुर्थी को प्रातः नहा-धोकर अरवा चावल के भात व चने की दाल-कद्दू की सब्जी सेंधा नमक डालकर सेवन करते हैं। वहीं पंचमी को उपवास रखकर तथा शुद्ध दूध का खीर बनाकर सूर्य व छठ मइया को अर्पण कर खरना किया जाता है। तत्पश्चात षष्ठी को भी उपवास रखते हुए नदी व तालाब में डूबते सूर्य को बांस के सूप में फल, ठेकुआ, नारियल आदि सजाकर दूध व जल से अर्ध्य दिया जाता है। साथ ही सप्तमी को उगते सूर्य को अर्ध्य देकर इस महापर्व का समापन होता है। छठ व्रत को महिला एवं पुरुष दोनों ही करते हैं।

चैती छठ 2022..

05 अप्रैल (मगंलवार )–नहाय खाय

06 अप्रैल ( बुधवार )–खरना

07 अप्रैल ( गुरुवार )–अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ्य

08 अप्रैल ( शुक्रवार ) –उदीयमान सूर्य अर्घ्य

Last updated: अप्रैल 5th, 2022 by Arun Kumar
Arun Kumar
Bureau Chief, Jharia (Dhanbad, Jharkhand)
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