बाल संप्रेषण गृह में 15 बाल कैदियों के खिलाफ एफ आई आर
धनबाद। धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया बाल संप्रेषण गृह में मंगलवार रात दो गुटों में जमकर हंगामा हुआ। कैदियों में मारपीट हुई तो स्थानीय लोगों ने बाल कैदियों पर पत्थरबाजी करने और वहाँ से गुजरने वाली महिलाओं पर फब्तियाँ कसने को लेकर जमकर बवाल काटा। इसको लेकर बाल कैदियों ने लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया। देर रात तक बाल संप्रेषण गृह के आसपास हंगामा होता रहा। पुलिस के वहाँ पहुँचने पर लोगों को शांत कर कार्यवाही का भरोसा देकर मामले को शांत कराया गया।
15 बाल कैदियों के खिलाफ FIR
इस मामले में 15 बाल कैदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सभी अंडर ट्रायल के बाल कैदी हैं। संप्रेषण गृह के प्रभारी अधीक्षक पारसनाथ तांती ने 15 अज्ञात बाल कैदियों के खिलाफ धनसार थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दर्ज प्राथमिकी में प्रभारी अधीक्षक पारसनाथ तांती ने बताया है कि मंगलवार की रात संप्रेषण गृह में तैनात सुरक्षा गार्ड बैजनाथ और अनिल ने सूचना दी। जिसमें उन्होंने बताया कि अंडर ट्रायल बाल कैदियों के बीच लाठीडंडे और रॉड से मारपीट की जा रही है। संप्रेषण गृह पहुँचने के बाद मारपीट कर रहे कैदियों को रोका गया। लेकिन वो कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे, उल्टे उग्र हो गए। गार्ड ने कैदियों को छुड़ाया, इस दौरान दोनों गार्ड घायल हो गए। पुलिस बल के पहुँचने के बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने लाठी, रॉड और डंडा मौके से बरामद किया है।
क्या है पूरा मामला
धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया स्थित बाल संप्रेषण गृह में मंगलवार की रात बाल संप्रेषण गृह में अंडर ट्रायल कैदियों के बीच जमकर मारपीट हुई। आसपास के लोगों ने कैदियों पर पत्थरबाजी करने, लड़कियों पर फब्तियाँ कसने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाल कैदियों के दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई. बाल कैदियों ने संप्रेषण गृह के अंदर तोड़फोड़ भी की। इस घटना में एक बाल कैदी गंभीर रूप से घायल है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ अन्य बाल कैदियों को भी चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों के द्वारा भी मौके पर हंगामा किया गया। लोगों ने बाल कैदियों के ऊपर पत्थरबाजी करने और राह चलने वाली गाँव की महिलाओं और लड़कियों पर फब्तियाँ कसने का आरोप लगाया है। स्थानीय लोग बाल कैदियों की करतूतों से बेहद आक्रोशित हो गए।
स्थानीय लोगों ने कहा कि अक्सर बाल कैदी छत और खिड़कियों से पत्थर फेंकते हैं. इस ओर से आने-जाने वाली गाँव की महिलाओं और लड़कियों के ऊपर फब्तियाँ कसते हैं। गृह के अंदर से जोर जोर से चिल्लाकर कहते हैं कि हम नक्सली हैं। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मंगलवार को भी बाल कैदियों ने पत्थरबाजी की, जिसके बाद लोग आक्रोशित हो उठे और हंगामा करने लगे।
बाल संप्रेषण गृह के अधिकारी ने बताया कि अंडर ट्रायल बाल कैदियों में मारपीट हुई है। सजायाफ्ता कैदी अपने वार्ड में है। उन्होंने कहा कि अंडर ट्रायल बाल कैदियों का कहना है कि सजायाफ्ता कैदी उन लोगों के साथ गाली-गलौच करते हैं। अंडर ट्रायल बाल कैदियों ने दूसरे बाल गृह में शिफ्ट करने की मांग की थी। इनकी मांग को वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ मजिस्ट्रेट के समक्ष भी रखी गई है। सूचना मिलने के बाद जब यहाँ पहुँचे तो देखा ये लोग पत्थरबाजी कर रहे हैं। इन्होंने बाल संप्रेषण गृह के अंदर तोड़फोड़ भी की है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया है।
घटना की सूचना मिलने के बाद एएसपी मनोज स्वर्गियार मौके पर पुलिस बल के साथ पहुँचे। बाल कैदियों की ओर से की गई पत्थरबाजी में पुलिस के तीन जवानों को भी चोटें आईं, जिसके बाद एएसपी ने अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया। पुलिस ने इसके लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद बाल कैदी शांत हुए। एएसपी मनोज स्वर्गियार ने कहा कि तीन जवानों को चोटें आईं हैं। एक बाल कैदी को ज्यादा गंभीर देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ अन्य बाल कैदियों को हल्की चोटें आईं हैं। उन्होंने कहा कि संप्रेषण गृह की चौकसी बढ़ा दी गई है. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
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