अलविदा अलविदा ऐ माहे रमज़ान,ख़ुत्बे के दौरान रोजेदार रोने लगे
लोयाबाद अलविदा अलविदा या शाहरा रमज़ान के खुत्बा के साथ रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा (आखिरी जुमा) की नमाज अदा की गई। सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक अदा की गई,इस नमाज से पहले इमाम ने आखिरी जुमे की खुत्बा को पढ़कर मुक़तदी को शर्फ़राज किया। इमाम के ख़ुत्बे के दौरान रोजेदार रोने ,और सिसकने लगे। कहा जाता है कि ये पाक ब बरकत वाला महीना रोजेदारों से दूर हो रहा है। जिसमें अल्लाह ताला इस महीने में नेकियों के बदले सवाब कई गुणा बढ़ा दिया था। जो रोजेदार मोनिम से जुदा हो रहा है।लोयाबाद जामा मस्जिद लोयाबाद सात नंबर मस्जिद लोयाबाद पावर हाउस कोक प्लांट व निचितपूर मस्जिद में सरकारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए अकीदत के साथ अदा की गयी।कोरोना महामारी से निजात, मुल्क में अमन व सलामती, एकता अखण्डता व गुनाहों की मगफिरत की दुआएं मांगी गई। सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए लोग अपने अपने घरों में नमाज अदा की।
बुरे दौर में इंसान गुनाह से तौबा करे-अब्दुल खालिक कादरी
लोयाबाद 7 नंबर के इमाम मौलाना अब्दुल खालिक कादरी ने कहा कि इस महामारी की वजह से लोग मस्जिदों से दूर है। रमजान के दो वर्ष इस महामारी ने हमें मस्जिदों से दूर रखा है,जाहिर है कि हम अल्लाह को नाराज किये हैं।ऐसे बुरे वक्त में इंसान गुनाहों तौबा करे।और अपने नेक कामो से अल्लाह जो राजी करे।अल्लाह बहुत ही बड़ा व निहायत ही रहम वाला है अमीन।
एक साल बाद फिर मिलेगा रमजान:-अब्दुल कलाम
लोयाबाद पावर हाउस मस्जिद के इमाम अबुल कलाम खान रिजवी ने कहा कि रमजान उल मुबारक का यह महीना हमलोगों से जुदा होने को है।एक साल लोग हयात से रहेंगे तब जाकर माह ए रमजान का यह महीना नसीब होगा। यह महीना कोरोना काल का चल रहा है। गरीबों का ख्याल रखें। जरूर तमंदों की मदद करें। रमजान महीने में मुसलमान जो भी नेक काम करता है उसकी नेकियाँ उसे जरूर मिलती है। उन्होंने इस्लाम की वसूलों की चर्चा करते हुए कहा कि इस्लाम में प्रेम, भाईचारा व सामाजिक समानता पर जोर दिया गया है।
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