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इनसे डरना भी लाजमी है….

नए तरह का आतंक

आसनसोल -आसनसोल शिल्पांचल में इन दिनों टैरेंटुला मकड़ी का आतंक थमता नहीं दिख रहा है. पिछले दो दिनों के दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों रानीगंज, एथोड़ा, जेके नगर में लोगों ने टैरेंटुला मकड़ी देखने की बात कह रहे है. कुछ ने भयवश मकड़ी को मार दिया. कुछ ने शीशे की बोतल में भरकर लोगों को दिखाया. जिसके बाद पुलिस द्वारा वन विभाग को सौंपा दिया गया. इस तरह की मकड़ी मिलने के बाद शहर में नए तरह का आतंक फ़ैल रहा है.

अस्पताल में भर्ती होना पड़ा

जानकारी के अनुसार बीते वर्ष पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा में टैरेंटुला मकड़ी को देखा गया था और खबर के अनुसार उक्त मकड़ी ने कुछ लोगों को काट भी लिया था. जिसके बाद काटे गए स्थान पर सुजन और जलन की शिकायत पर कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इस घटना के बाद से लोगों में मकड़ी को लेकर आतंक बन गया था और किसी भी मकड़ी को देखते ही लोग डर से उसे मार दे रहे थे. इस तरह की घटना पश्चिम मेदिनीपुर दुबारा हो रही है और वहाँ भी टेरेंटूला मकड़ी मिलने की सूचना है. इसके आलावा झाड़ग्राम में भी मकड़ी का आतंक बना हुआ है. हालाँकि वन विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चला कर लोगों को समझाया जा रहा है कि हर मकड़ी को टैरेंटुला जैसा घातक न समझने तथा आवश्यकता पड़ने पर हमें तुरंत सूचित करे. बेलदा में भी दो स्थानों पर लोगों ने टैरेंटुला मकड़ी देखने का दावा किया है.

ये खतरनाक की श्रेणी में है

गौरतलब है कि मकड़ी की लगभग 46 हजार प्रजातियों के बारे में अब तक पता लगाया जा चुका है. यह काफी दिलचस्प और रोचक प्राणी है. कुदरत ने इनमे काफी गुण दिए है, जिससे यह अपनी हिफाजत कर सके और अपने भोजन की व्यवस्था कर खुद को जिन्दा रख सके. प्रकृति की ओर से दिया गया यह हुनर ही कभी-कभी हम मनुष्यों के लिए घातक हो जाता है. मकड़ीयों के इसी हुनर से प्रभावित होकर हालीवुड ने स्पाइडरमेन फिल्म बनाई जो काफी लोकप्रिय हुई और लोगों में मकड़ियो को लेकर जिज्ञासा अपने चरम पर पहुँच गया. वैसे देखा जाए तो शायद ही ऐसा कोई घर होगा जहाँ मकड़ी रानी विराजमान नहीं होगी. लेकिन मकड़ीयों की इन प्रजातियों में टेरेंटूला को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है. इसलिए इसका आतंक लोगों में अधिक रहता है. हालाँकि मकड़ीयों के काटे जाने से हुई मौतों का ग्राफ काफी कम है, फिर भी तरह-तरह की फैली भ्रांतियों के कारण डरना भी लाजमी सा हो गया है. इनसे डरने के बजाय सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है

Last updated: जून 5th, 2018 by News Desk
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