आरओएम के जगह स्टीम कोयला ले जाने का मामला उजागर होने के बाद,आवंटन हुआ रद्द, जाँच कमिटी बनी,घाघ कर्मी व एक कॉल अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
धनबाद/कतरास। बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के ब्लॉक फ़ॉर कोलियरी में आरओएम की जगह स्टीम कोयला लोड मामले में प्रबंधन रेस है। इस मामले में शनिवार को पकड़ाये आरओएम की जगह स्टीम कोयला लोड मामले ट्रक सीआईएसएफ की निगरानी में रखा गया है। गड़बड़झाला को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधन ने एलाटमेंट को रद्द कर दिया है। क्षेत्र के जीएम सलील कुमार ने जाँच कमिटी का गठन कर दिया है। आखिर यह खेल कैसे चल रहा था.किसके शह पर चल रहा था। इसकी पूरी बानगी जानिये।
एक कोल अधिकारी का रिश्तेदार और यह खेल
दरअसल यह खेल उस जमाने से चली आ रही है.जब यहाँ एक नये कोयला से संबंधित एक अधिकारी की पोस्टिंग हुई। इसके बाद से यह खेल शुरू हो गया। अधिकारी ने बगैर पदनाम के अतिसवेंदनशील पद पर रहने वाले कर्मी के साथ साठ गांठ कर इस धंधे को अंजाम देना शुरू कर दिया, अगर मामले की गहराई से जाँच हो तो कइयों का गर्दन फंसना तय है।
क्यों होता है यह खेल
दरअसल रोम का कोयला थोड़ा सख्त रहता है। वह लोकल भट्ठा में पहुँचता है। इस कोयले की कीमत पर टन 51 सो के करीब होता है। जबकि स्टीम का कोयला हार्डकॉक भट्ठा में जाता है.जिसकी कीमत पर टन 72 सो के आसपास है.अब यह कोयला धंधेबाज मिलीभगत से rom का कोयला स्टीम में लेकर हार्डकोक भट्ठा में गिरा दे,तो वह लाखों में कारोबार कर सकता है.
तो फिर क्यों करे कोयला तस्करी
हमें जैसा लगता जो कोयले की तस्करी कर रहे है.वह ब्लॉक फ़ॉर कोलियरी में बिडिंग (डीओ) लगा ले। यहाँ से rom के कोयले का पैसा देकर आराम से स्टीम कोयला निकाल कर एक टन में 22 सो से 25 सो रुपये कमा सकते है.चुकी ब्लॉक फ़ॉर का परियोजना फेस कोयले को लेकर दुधारू गाय है। इस धंधे में कई ऐसे शातिर है,जो कोल अधिकारी से लेकर पुलिस तक को चकमा दे रहे है।
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