भू-माफियाओं से भिड़े आदिवासी, फर्जी कागजात बना ईसीएल के जमीनों को बेच रहे भू-माफिया,पुलिस ने समझा-बुझा कर मामला किया सांत
रानीगंज। रानीगंज थाना के रानी शहर कदम दंगा आदिवासी ग्राम के लोगों ने भू-माफियाओं पर जानलेवा हमला कर दिया। उनका आरोप है कि भू-माफिया बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस इलाके में अपना साम्राज्य कायम करना चाहता है। घटना की सूचना मिलते ही पंजाबी मोड़ पुलिस दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
सूत्रों के मुताबिक सुबह से ही आदिवासी ग्राम के लोग माफिया के खिलाफ योजना बनाई हुई थी । जैसे ही भू-माफिया दल बल के साथ नेशनल हाईवे जीटी रोड के किनारे से कब्जा जमाने के लिए डोजर डंपर व कर्मी के साथ वह स्थल पर पहुँचा और भराई व दखल के लिए कर्मियों से कहा कि इसकी जानकारी मिलते ही घंटा स्थल पर तीर धनुष के साथ आदिवासी गाँव के लोग घटनास्थल पर पहुँचकर भू माफियाओं के सरगना पराग बनर्जी पर हमला कर दिया ।उसके बचाव में आए उनके साथीयो पर भी हमला कर दी ।
पुलिस प्रशासन ने समझा-बुझा कर मामला सांत कराया
पुलिस घटना की सूचना पाते ही घटनास्थल पर पहुँचे और ग्रामीणों को समझा कर पराग बनर्जी और उनके साथियों को किसी तरह से अपने अधीन किए । पंजाबी मोड़ पुलिस प्रभारी सोमेन बनर्जी ने कहा कि जिस प्रकार से आज यह घटना घटी है । आदिवासी गाँव के लोग उत्तेजित हो गए मामला गंभीर है। मामला जाँच का विषय है । हालांकि स्थानीय सूत्रों का कहना है कि हाईवे के दोनों किनारे का अधिकांश जमीन सरकारी जमीन है। इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड का या वेस्टेड जमीन है।
ईसीएल के खाली जमीन पर सुनियोजित तरीके से कागजात बना बेच रहे जमीन
भू-माफिया सुनियोजित तरीके से कागजात को लेकर जमीन का हेराफेरी कर रहे हैं। तलाव में छाई एवं मिट्टी डालकर मराठी करा रहे हैं उस जमीन को प्लॉटिंग की जा रही है। फ्लोटिंग कर मकान बनवा रहे हैं। इतना ही नहीं जोड़ा शिव मंदिर के अधीन का जलाशय को भी माफियाओं ने भराई करा दी है । यह खेल काफी दिनों से चल रही थी । जब इस इलाके के आदिवासी व ग्रामीणों के अस्तित्व पर पड़ा तो आज उसका आक्रोशित रूप देखने को मिला । आज जिस रूप से आक्रोशित होकर भू माफियाओं के विरोध में हमला की गई यह तो पुलिस प्रशासन की कर्मठता थी कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। वरना कई लोगों की जान चली जाती। यहाँ के तृणमूल कॉंग्रेस के प्रमुख नेता साधन सिंह ने कहा कि पूरा मामला जाँच का विषय है और भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। हम लोग आदिवासी और ग्रामीणों के साथ हैं ।इस प्रकार के फर्जी कागजात पर जमीन का अधिग्रहण करके लूटपाट करना अपराध है । हालांकि इस घटनाक्रम को लेकर समाचार लिखे जाने तक पुलिस की ओर से किसी भी प्रकार की लिखित कार्यवाही नहीं कि गई है।
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