सूदखोर के चंगुल में कोयलाञ्चल
रानीगंज का कोयलाञ्चल क्षेत्र (चित्तरंजन-सालानपुर एवं मिहिजाम, अंडाल ) इलाके में सूद का करोबार चरम पर है।
इस कारोबार के फलने फूलने के कारण कई प्रकार के अपराध सामने आने लगे हैं ।
लेकिन इस कारोबार की नींव इन इलाकों में इस कदर जम गई है कि
चाहकर भी इस धंधे से ग्राहक सूदखोरों के चंगुल से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं।
सूदखोरी में हुयी हत्या
हाल ही में रूपनारायणपुर पुलिस इंवेस्टीगेशन सेंटर इलाके के चिल्ड्रेन पार्क इलाके में
अनुपम राय नामक सूद कारोबारी की हत्या कर दी गई थी।
पुलिस के वरीय अधिकारियों ने बताया था कि सूद के कारोबार से संबधित विवाद भी इस हत्याकांड का एक कारण था।
सूत्र बताते हैं कि चित्तरंजन रेल नगरी में इलाके के कई दबंग किस्म के लोग इस कारोबार पूरे नगरी में फैला कर रखे हुए हैं।
सूदखोरों के आतंक से परेशान हैं लोग
बताया यहां तक जाता है कि कई लोग सूद का ब्याज भरते भरते परेशान भी हैं।
यह विवाद आये दिन बीच रास्ते एवं चौक-चौराहे पर भी दिखायी दे जाती हैै।
बैंक का पास बुक और एटीएम जब्त कर लेते हैं सूदखोर
कोयलाञ्चल के कोलयरी क्षेत्र में सूदखोर का आतंक इस कदर ब-सजय़ा हुआ है कि
सूद के ब्याज के लिए सूदखोर बैंक का खाता अपने पास रख लेते हैं।
इसीएल कर्मियों के तनख्वाह होते ही बैंक के तैनात रहते हैं सूदखोर
तथा वेतन हाथ में मिलते ही पैसे छिन लेते हैं।
शिकायत करने से डरते हैं लोग
चूंकि लोग सूदखोरों से कर्ज लिए होते हैं इसलिए उनपर कर्ज चुकाने का दबाव रहता है।
कर्ज न चुका पाने की स्थिति में ब्याज देकर ही वे उनसे पीछा छुड़ाना चाहते हैं।
लेकिन ब्याज की रकम इतनी ज्यादा होती है कि उनकी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा ब्याज में ही चला जाता है।
कर्ज न चुका पाने के मनोवैज्ञानिक दबाव के कारण सभी कर्जदार डरे हुये रहते हैं और किसी से कोई शिकायत भी नहीं कर पाते हैं।
सूदखारों का आतंक के डर से कोई भी पुलिस में शिकायत करने से डरता है।
यही डर अपराध को जन्म देता है
कर्जदार और सूदखोरों के बीच डर का मनोवैज्ञानिक दबाव जब टूटता है तो अपराध की शक्ल ले लेता है।
-ओम शर्मा (मिहिजाम, चित्तरंजन)
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