सोलहआना दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन से पूजा की समाप्ति मानी जाती है
शहर के सुप्रसिद्ध 16 आना दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन इस वर्ष भी धूमधाम के साथ हुई. शाम होते ही शहर के लोग सोलहआना दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए एकत्रित होने लगे. मेले में तब्दील इस शहर को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस बल तैनात की गई थी.
इस वर्ष भी विसर्जन में समय के अनुकूल झांकियाँ प्रस्तुत की गई. जिसमें एक तरफ बंगाल की धाक बाजना तो दूसरी तरफ संथाली आदिवासी एवं मिलिट्री बैंड की प्रस्तुति थी. इस दौरान नशा विरोधी झांकियाँ भी देखने को मिली, तो स्वच्छ भारत, निर्मल बांग्ला और सेफ ड्राइव-सेव लाइव की झांकियाँ भी आकर्षण का केंद्र बनी.
परंपरा है कि रानीगंज में वैसे तो विजयादशमी के दिन ही दुर्गा पूजा की समाप्ति हो जाती है, लेकिन सोलहआना पूजा विसर्जन के उपरांत ही लोगों के मन से दुर्गा पूजा की समाप्ति मानी जाती है. आज भी इस विसर्जन को देखने के लिए शहर के कोने-कोने में लोग कतार में देखे गए. ग्रामीण अंचलों से भी अनेकों लोग आये थे. मध्य रात्रि तक विसर्जन को लेकर पूरे नगर में चहल-पहल रही.
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