गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 343वां शहादत दिवस मनाया गया
गुरुद्वारा प्रबंध समिति द्वारा रविवार को सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 343वां शहादत दिवस शिशु बागान मैदान में मनाया गया। बनारस से आए ज्ञानी जत्था नरेंद्र पाल सिंह ने कीर्तन के माध्यम से गुरु की वाणी सुनाकर सभी को निहाल किया। पंजाब से आए कथावाचक ने बताया कि विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय आदर्श एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहिब का स्थान आदित्य है,
धर्म के सत्य ज्ञान के प्रचार-प्रसार कार्य के लिए उन्होंने कई स्थानों का भ्रमण कियाl गुरु जी ने कश्मीरी पंडितों (हिंदुओं) को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया, इस्लाम ना स्वीकार करने के कारण उन्हें अपनी शहादत देनी पड़ीl विश्व इतिहास में गुरु तेग बहादुर साहिब का स्थान आदित्य है। गुरु जी का बलिदान ना केवल धर्म पालन के लिए, अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। उसी उपलक्ष्य पर आज कीर्तन भजन का आयोजन हुआ।
जिसमें अमृतसर ,पटना साहिब, बर्नपुर आसनसोल, चित्तरंजन, परबेलिया गुरुद्वारा साहिब एवं शिल्पाञ्चल और कोयलाञ्चल के सिख समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस अवसर पर रानीगंज के विधायक रुनु दत्ता को सम्मानित किया गया। मौके पर नगर के सामाजिक संस्थाओं के सदस्यगण एवं विशेष नागरिक भी उपस्थित हुए। रानीगंज गुरुद्वारा के अध्यक्ष हरजीत सिंह बग्गा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहेब हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी। उन्होंने सभी हिंदू धर्मावलंबियो के लिए उनके धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी।
आज दुनिया ह्यूमन राइट की जो बात कर रही है, 300 बरस पहले गुरु तेग बहादुर साहिब ने की थी और कहा था कोई भी व्यक्ति अपने इच्छा के मुताबिक धर्म की पूजा कर सकता है। विधायक रूनु दत्ता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि वह एक राष्ट्रवादी देश भक्त थे, उन्होंने औरंगजेब के अत्याचार के विरोध में अपनी जान दी थी। उन्होंने अपनी कुर्बानी धर्म की रक्षा के लिए दिए। आज पूरे देश में धर्म के नाम पर जो विभाजन का दौर चल रहा है, उसे उनके आदर्शों से सीखने की जरूरत है।
इस मौके पर जहाँ लंगर का आयोजन किया गया वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य जाँच, रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर रक्तदान शिविर के जनक प्रवीर धर ने कहा कि सिख समुदाय द्वारा धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही सामाजिक कार्यक्रम करना काफी सरहनीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ महिलायेंं बढ़-चढ़कर रक्तदान कर रही है। इस अवसर पर 5 प्यारों का जुलूस निकाली गई और नगर परिक्रमा करते हैं रानीगंज गुरुद्वारा में संपन्न हुआ। इस जुलूस का स्वागत नगर वासियों की ओर से की गई, जिसमें मॉर्निंग वॉकर ग्रुप की ओर से विशेष शिविर लगाया गया था।
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