स्टेट बैंक का अजीब मामला , खाते से अवैध रूप से निकाले 5240 रुपए , शिकायत करने पर डाल दिये गए
(रविवार ) :- एसबीआई कालीपाथर ब्रांच तथा अल्लाडीह मिनी ब्रांच(सीएसपी) पर ग्राहक के साथ धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। डीवीसी लेफ्ट बैंक निवासी विजय सिंह ने बैंक पर ही 5 हजार 240 रुपये गबन करने का आरोप लगाया है। मामले को उलझता देख ब्रांच मैनेजर के हस्तक्षेप से मिनी ब्राँच संचालक ने पुनः अकाउंट में पैसे जमा कर मामले की लीपापोती करनी चाही।
मामले को लेकर भुक्तभोगी विजय सिंह ने बताया कि उक्त एसबीआई ब्रांच में बहुत पहले जीरो बैलेंस अकाउंट खोला था। जिस अकाउंट में मेरे चाचा बजरंगी सिंह द्वारा 3 नवम्बर 2018 को पाँच हजार रुपये बैंक के कहने पर मिनी ब्रांच में जमा किया गया था। विगत एक सप्ताह पूर्व मेरी बेटी की तबियत खराब होने के कारण पैसे की जरूरत पड़ी। एटीम से पैसा निकालने पहुँचे अकाउंट में मात्र 20 रुपए थे। उन्होंने बताया कि जब मिनी स्टेटमेंट निकाला तो पता चला कि अकाउंट से विगत 7 जुलाई 2019 को 5240 रुपये की निकासी की गई है।
घटना से सभी लोग हतप्रभ हो गए। घटना के बाद जब बैंक पहुँचा तो मैनेजर ने मुझे मिनी ब्रांच भेज दिया। जहाँ उनलोगों ने पैसा एटीम के माध्यम से निकलने की बात कहकर टाल दिया। किन्तु पुनः यह पूछने पर की किस एटीएम से 5240 रुपए निकलता है के सवाल पर बैंक संचालक मौन हो गए।
विजय सिंह ने कहा बैंक द्वारा उन्हें चुप रहने की नसीहत देते हुए घर भेज दिया। रात को 10 बजे बैंक के माध्यम से मुझे फ़ोन करके बताया गया कि आप बहुत ही गरीब आदमी है। आपका अकाउंट हैक हो चुका था। जिसे बड़ी मेहनत से रिकवर किया गया है। आप सुबह एक आवेदन देकर पैसा निकाल सकते है।
विजय सिंह ने कहा कि मिनी ब्राँच द्वारा उक्त अकाउंट बंद करने का दबाव बनाया जा रहा था। किंतु में सच्चाई जानना चाहता हूँ मेरे अकाउंट के साथ क्या हुआ था। मामले को लेकर कालीपाथर ब्रांच मैनेजर सुभेन्दू घोष का भी गोलमटोल जवाब है। उन्होंने कहा कि देखना होगा कहा से क्या समस्या हुआ है। बैंक मैनेजर ने इस बात को स्वीकार किया कि घटना के बाद उसी दिन पुनः पैसा जमा किया गया और उसी दिन ग्राहक ने निकासी किया।
ऐसे में सवाल उठता है कि मामले को बढ़ता देख आख़िर अकाउंट में किसने पैसा जमा किया। इधर मामले को लेकर स्थानीय निवासी तपन पॉल ने बताया कि ब्राँच में पासबुक अपडेट मशीन खराब है। हमलोग एक-एक रुपये जमा करते है। किंतु पता ही नहीं चलता कि कितना जमा हुआ।
कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि कोई भी काम से ब्रांच जाने पर बैंक कर्मी मिनी ब्रांच भेज देते है। जहाँ हर काम के लिए अतिरिक्त पैसे की वसूली की जाती है। पूरे प्रकरण में बैंक से लेकर मिनी ब्रांच कर्मियों की भूमिका बैंक के प्रति निराशाजनक है। फिलहाल भुक्तभोगी ने मामले की शिकायत ब्रांच मैनेजर से किया है।
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