सारा जीवन सीखता रहूँ यही मेरी अभिलाषा – पंडित श्यामलेंदु रॉय
कोलकाता -बात जब भी संगीत के क्षेत्र में होगी तब कोलकाता के पंडित श्यामलेंदु जी का नाम भी सम्मान के साथ लिया जायेगा. संगीत की दुनियाँ में अपनी अलग पहचान बना चुके श्यामलेंदु रॉय शास्त्रीय संगीत कलाकार, अभिनेता, गीतकार, संगीतकार, जादूगर आदि इतने सारे प्रतिभाओं के धनि है. उनके गरिमा, गंभीर कंठ गायकी और ह्रदयवान होना भी सराहनीय हैं, जो उनके व्यक्तिव को और निखरती है. उन्होंने शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण आईंटीसी संगीत रिसर्च एकडमी से ग्रहण किया है और गुरु पंडित उदय भौलंकर जी है.
फ़िलहाल सुप्रिया मैत्री जी के पास एवं खेयाल संगीत गुरु कृपासिन्दू मुखोपाध्याय, रणधीर बनर्जी, पार्वती हलदर, व पंडित शांतनु बंदोपाध्याय के पास शिक्षारत है. वर्ष 2014 में पंडित विभा राव जोशी और नारायण राव जोशी की स्मरण में यादवपुर विश्वविद्यालय इंदुमती भवन में आयोजित एक सभा के दौरान विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में उन्हें प्रथम बार पंडित की उपाधि दी गई. इसके बाद अनेकों उपाधियाँ एवं सम्मान उन्हें प्राप्त हुआ है. श्याम्लेंदु रॉय कहते है, ये बहुत कठिन दायित्व है, इतने बड़े सम्मान के लिए मैं अयोग्य हूँ. मैं पूरा जीवन संगीत सीखता रहूँ यही मेरी अभिलाषा है.
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