कोरोना जांच रिपोर्ट देर से आने की वजह से लोग परेशान
बढ़ते कोरोना महामारी की संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से शक्त रूप से कानूनी कार्यवाही की जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए हर संभव प्रयास की जा रही है ।इन सबके बीच इस अंचल के लोगों में कोरोना जाँच को लेकर भी बेहद दहशत फैली हुई है । कोरोना ग्रस्त लोग स्वस्थ होकर लौट रहे हैं । अधिकांश कोरोना मरीज जो अपने घर लौट चुके हैं। उनका कहना है कि सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि कोरोना के संदेह पर कई दिनों के बाद जब कोरोना के टेस्ट के लिए जाँचकर्ता आते हैं तब तक एक सप्ताह गुजर जाता है । रिपोर्ट आने में करीब एक सप्ताह लग जाता है । इस प्रकार 15 दिन गुजर जाता है । जब तक रिपोर्ट ना आ जाए तब तक रोगी के मन में भय व्याप्त रहता है, उन्हें जब कोरोना वायरस का जाँच रिपोर्ट आती है तब तक काफी देर हो जाती है। लेकिन अस्पताल में भर्ती कर उन्हें तीन-चार दिन में ही छोड़ दी जाती है । जाँच में विलंब को लेकर एमआइसी स्वास्थ्य विभाग दीपेंदु भगत का कहना है कि कंप्यूटर की तकनीकी कारणों की वजह से ऐसा हो रहा है। लेकिन विभाग द्वारा रोगियों को स्वस्थ करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संदीप भालोटिया ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से जाँच रिपोर्ट आने में देर हो जाती है इसकी सूचना हम लोगों को है। लेकिन किसी भी व्यक्ति के अंदर यदि कोरोना के लक्षण सक्रिय दिख रहा हो यदि उनका जाँच रिपोर्ट ना भी आया हो तो उसे कोविड-19 अस्पताल दुर्गापुर सनका मैं चिकित्सा की जा रही है । इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। पश्चिम बर्द्धमान के हेल्थ विभाग की ओर से नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि इस मामले में हम लोगों की ओर से प्रयास जारी है जिससे जाँच भी अधिक हो और जाँच रिपोर्ट भी जल्द मिले।
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