‘परमावतार श्रीकृष्ण’ की रुक्मिणी पानी से नहीं इस चीज से तोड़ती हैं करवा चौथ का व्रत
‘परमावतार श्रीकृष्ण’ की रुक्मिणी के लिए पहला करवा चौथ है यादगार
हुनर हेल उर्फ ‘परमावतार श्रीकृष्ण’की रुक्मिणी कहती हैं कि करवाचौथ एक ऐसा त्यौहार है, जोकि -ढेर सारी यादें लेकर आता है, लेकिन पहले त्यौहार की यादें हमेशा ही सबसे खास होती हैं।
मेरा पहला करवाचौथ तब हुआ था जब मैं मुंबई आ गयी थी और मेरे ससुरजी ने मुझे त्यौहार के एक दिन पहले मेरी सरगी भेजी थी। मेरी सासू माँ काफी पहले गुजर गयी हैं और मेरे ससुरजी ने खासतौर से इसकी शाॅपिंग और उसे भेजने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी। इससे मेरा करवाचौथ और भी ज्यादा खास हो गया था।
मुझे ऐसा लगता है कि यह मेरे लिये किसी का अब तक का सबसे प्यारा और बहुत ही अच्छा व्यवहार रहा है और उनकी कोशिशों का तो कोई जवाब ही नहीं। इतने सालों में मैंने जितनी सरगी ली, उनमें बेशक वह सरगी सबसे स्वादिष्ट थी, क्योंकि वह मेरे लिये पूरी तरह से एक सुखद सरप्राइज की तरह था।
पानी की जगह साॅफ्ट ड्रिंक से तोड़ती हैं व्रत
मेरे पति ने इसे और भी खास बना दिया जहाँ उन्होंने मेरा व्रत पानी की जगह साॅफ्ट ड्रिंक से तुड़वाया था। उसके बाद से यह परंपरा बन गयी, जिसे हम कई साल से निभा रहे हैं और मेरे पहले त्यौहार की तरह ही मेरे ससुर जी हर साल मुझे सरगी भेजते हैं। इतने सालों के बावजूद, ये दो यादें ऐसी हैं जो कि अभी भी मेरे जेहन में ताजा और खास बनी हुई हैं।
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