मकर संक्रन्ति के दिन मनाया जाने वाला टुशु पर्व सभी झारखण्ड वाशियों के लिए एक लोकप्रिय पर्व हैँ
मकर संक्रांति व टुसू पर्व झारखंड के पंचपरगना क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है,और आज यह पर्व बड़े ही जोरों के साथ मनाया गया और आकर्षक झांकी निकाली गई यह पर्व नारी शक्ति के सम्मान व स्वाभिमान के रूप में मनाया जाता है, टुशु पर्व झारखंड के कुड़मी समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, यह जाड़ों में फसल कटने के बाद पौष के महीने में मनाया जाता है, टूसू का शाब्दिक अर्थ कुँवारी है, इस पर्व के इतिहास का कुछ खास लिखित स्त्रोत नहीं है लेकिन इस पर्व में बहुत से कर्मकांड होते हैं और यह अत्यंत ही रंगीन और जीवन से परिपूर्ण त्यौहार है,मकर संक्राति के अवसर पर मनाये जाने वाले इस त्यौहार के दिन पूरे कूड़मी समुदाय द्वारा अपने नाच-गानों एवं मकरसंक्रांति पर सुबह नदी में स्नान कर उगते सूरज की प्रार्थना करके टुसू की पूजा की जाती है तथा नववर्ष की समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाती है , इसी धरोहर को बचाने को लेकर कूड़मी समुदाय द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है,इसकी एक बानगी आज भूतगरिया के महतो बस्ती में देखने को मिली जब बड़े ही आकर्षक और पारम्परिक रीती रिवाजों के साथ इसकी प्रभात फेरी निकाली गई किया बच्चे, किया बूढ़े और कई महिलाओ का समूह इस आकर्षण का केंद्र बिंदु रहे,वहीँ टुशु पर्व सभी झारखण्ड वाशियों के लिए उनका एक मुख्य और पारम्परिक पर्व हैँ
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