डूबे नाविक का शव अबतक बरामद नहीं हुआ
बुधवार को मैथन डैम मजुमदार निवास स्थित बोट घाट से सैलानियों को भ्रमण के लिए डैम के मध्य में स्थित सबुज दीप(नीम पहाड़) पहुँचें नाविक बादल हासदा का 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उनका शव बरामद नहीं हो सका । गुरुवार की तड़के सुबह 7 बजे पहुँचे आसनसोल कल्याणपुर स्थित सेवेंथ बटालियन डिजास्टर मेनेजमेंट की 10 दलीय गोताखोर टीम ने गुरुवार को बादल हासदा की खोज में 9 घंटे तक मैथन डैम की जलाशय की खाक छानती रही किन्तु उनके हाथ कुछ नहीं लगा और अंत में संध्या 5 बजे अंधकार के कारण सर्च अभियान को रोक दिया गया ।
मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली तथा कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी पलाश मंडल घटना के बाद से ही मौके पर तैनात है । साथ ही गोताखोर टीम को अवश्यक दिशा निर्देश दे रहे है । मौके पर सर्च अभियान की नेतृत्व कर रहे सेवेंथ बटालियन डिजास्टर मेनेजमेंट गोताखोर टीम के एएसआई अमिताभ मंडल सहयोगी सोमेन घोष, पूर्ण हासदा, प्रकाश मुर्मू के अनुसार घटना स्थल में पानी की गहराई लगभग 40 फिट है । जिसके बावजूद भी सबुज दीप तथा पास ही स्थित दीप के पास पूर्ण रूप से सर्च अभियान चलाया गया किन्तु शव हाथ नहीं लगा । इधर गोताखोर टीम शुक्रवार को भी शव की खोज में मैथन डैम में सर्च अभियान चलाएंगे ।
घटना स्थल पर पहुँचे बादल हासदा के बड़े भाई अनंतो हासदा ने बताया की बादल हासदा किन दो वर्ष पूर्व ही विवाह हुआ था, किन्तु उनका कोई संतान नहीं है । हमलोग 5 भाई थे, बादल हमसे छोटा था, और घर में बूढी माँ है जबकि पिता की मृत्यु कुछ वर्ष पूर्व ही हो गयी थी, सभी भाई मेहनत मजदूरी करते है, जबकि बादल बोट घाट में दिहाड़ी पर बोट चलाकर जीविकापार्जन करता था । घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है । इधर बादल की खोज में बथानबाड़ी आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोग डैम की तट पर बादल की शव मिलने के इन्तेज़ार में नजरें बिछाये बैठे है ।।
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