चिकित्सक ने कहा कफ और सुखा खांसी हो सकती है, जानलेवा
दुर्गापुर -आईक्यू सिटी अस्पताल में ग्लोबल पल्मोनरी फाइब्रोसिस जागरूकता माह के अवसर पर बोलते हुए पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि इडियोपैथिक फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस जिसे आईपीएफ भी कहा जाता है, एक फेफड़ों की बीमारी है, जो सांस लेने को मुश्किल बनाती है, यह हमारे फेफड़ों में वायु कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जो रक्त में ऑक्सीजन भेजते हैं. यह नुकसान फेफड़ों को कठोर होने का कारण बनता है.
यह रक्त तक पहुँचने के लिए ऑक्सीजन के लिए भी मुश्किल बनाता है. इससे लोगों को आईपीएफ खांसी मिलती है और सांस कम हो जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि हम भी नहीं जानते कि आईपीएफ वास्तव में कैसे शुरू होता है, लेकिन हमने पाया है कि आईपीएफ रोगी मुख्य रूप से धूम्रपान करने वाले हैं या धूम्रपान का इतिहास है, व्यायाम या किसी भी शारीरिक गतिविधियों या सूखी खांसी के दौरान सांस की तकलीफ होना,
इन लक्षणों वाले लोगों को इलाज के लिए फुफ्फुसीय विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. क्योंकि इससे फेफड़ों को गंभीर नुकसान हो सकता है. अब फेफड़ों की क्षति को धीमा करने के लिए कुछ उन्नत दवाएं उपलब्ध हैं. कहा कि बीमारी बढ़ जाने पर मरीज हम लोगों के पास आते हैं, यदि समय रहते आ जायेंगे तो इस बीमारी को दवाई द्वारा रोका जा सकता है.
मगर पहले डॉक्टर के पास जाते हैं, डॉक्टर सही इलाज नहीं कर पाते हैं और बता भी नहीं पाते हैं कि इस बीमारी का इलाज किस डॉक्टर के पास है. डॉक्टरो से भी आवेदन किया कि ऐसे मरीज हो तो हम लोगों के पास संपर्क कर भेजें. आने वाले दिनों में यह बीमारी और तेजी से बढ़ रही है. खासकर यह बीमारी पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है. जो फैक्ट्री टेस्ट आदि जगहों पर काम करते हैं. उन सब में ही यह देखने को मिलता है.
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