जिउतीया पर्व और विश्वकर्मा पूजा को लेकर पुरे धनबाद के भक्तों में खासा उत्साह पूरा कोयलाँचल हुआ भक्तिमय
झरिया, नहाय खाय के साथ आज से जिउतीया पर्व हुई शुरू, जिउतीया पर्व की विशेषता के बारे में कहा जाता हैँ कि साक्षात् जीत्महान माँ की किर्पा दृष्टि समस्त पर्व कर रही महिलाओ पर सदा जो रहती हैँ और हो क्यों ना चुकि यह पर्व कर रही समस्त महिलाएं दो दिनों की निर्जला उपवास पर रहती हैँ तभी माँ जीत्महान माँ की किर्पा सबों पर बनी रहती हैँ माँ को भोग में कई तरह की बनी हुई सब्जियाँ, मडुआ की रोटी, चढ़ाई जाती हैँ कई कई जगहों पर महिलाएं मछली का भी भोग लगाती हैँ माँ अपने सबों पुत्र के लिए जिउतीया का धागा भी बांधती हैँ सच में अगर कहा जाए तो यह जिउतीया का पर्व एक माँ अपने जीवित पुत्र के लिए यह पर्व मनाती हैँ माँ की यह महिमा महाभारत काल से ही चली आ रही हैँ, और ऐसी मान्यता हैँ कि जो माँ निर्जला उपवास करके इस पर्व को श्रद्धा पूर्वक करती हैँ उनके पुत्रों पर कभी भी किसी प्रकार की विपत्ति नहीं आती हैँ और इस बार ऐसा संयोग लगा हैँ कि आज ही विश्वकर्मा भगवान की भी पूजा शुरू हुई हैँ और भक्त लोग दोनों पर्व को बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मना रहे हैँ आज यह दोनों पर्व को लेकर झरिया बाजार में काफी रौनक देखी गई किया फूल वाला तो किया सब्जियाँ बेचने वाला और मिठाई बेचने वाले सभी लोग काफी वयस्त नजर आए वाकई में एक साथ यह दोनों पर्व पड़ने के कारण सभी भक्तों में काफी उत्साह देखा गया और लगभग सभी लोग खुशी पूर्वक यह दोनों पर्व मनाकर काफी प्रसंचित नजर आ रहे थे,, संवाददाता श्रीकांत कुमार की रिपोर्ट,
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