इस माह में सेवा, दान एवं भक्ति से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है
आसनसोल -अधिकमास यानि पुरुषोत्तम महीने में भक्ति अथवा दान-पुण्य का विधान है. इसका पालन करते हुए अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति की आसनसोल शाखा सदस्यों द्वारा लगातार आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंदो में आवश्यक सामग्रियाँ वितरण की जा रही है. सोमवार को आसनसोल स्टेशन रोड स्थित बासुकीनाथ सेवा समिति के प्रांगन में चल रहे नर-नारायण कार्यक्रम में मारवाड़ी महिला समिति द्वारा जरूरतमंदो में बिस्किट, फल समेत विभिन्न तरह की खाद्य सामग्रियाँ बाँटी गई. इसे सफल बनाने में मारवाड़ी महीला समिति आसनसोल शाखा की मधु दुमरेवाल, निधि पसारी, निर्मला गुटगुटीया, सरिता अग्रवाल, पूनम क्याल, तारा मश्कारा, बबीता दयाल, सीमा बगरिया, मीणा केडिया एवं बासुकीनाथ सेवा समिति के सज्जन जलूका ने सक्रिय भूमिका निभाई.
जिस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती वह अधिकमास कहलाता है
इस दौराम कार्यक्रम पर रौशनी डालते हुए मधु दुमरेवाल ने कहा कि दरअसल अधिकमास में सेवा, दान एवं भक्ति आदि की प्राथमिकता है, जिसे लेकर हमलोग लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहे है, जिससे जरूरतमन्दो को काफी लाभ हो रहा है और हमें पुन्य कमाने का मौका मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जिस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती वह अधिकमास कहलाता है, शास्त्रों के अनुसार ये तीन वर्ष में आता है, इन दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन इस दौरान किए गए धर्म-कर्म से जुड़े सभी कार्य विशेष फलदायी होते हैं,इस मास में केवल ईश्वर के लिए व्रत, दान, हवन, पूजा, ध्यान आदि करने का नियम है, ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य प्राप्त होता है. पुराणों में बताया गया है कि इस माह के दौरान व्रत-उपवास, दान-पूजा, यज्ञ-हवन और ध्यान करने से मनुष्य के सभी बुरे कर्मों का क्षय होकर उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है. इस माह में आपके द्वारा गरीब को दिया गया एक रुपया भी सौ गुना पुण्य फल देता है.
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