आनंदलोक अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से मृत्यु के आरोप में अस्पताल कर्मियों के साथ परिजनों ने जमकर हाथापाई, एक कर्मी बुरी तरह से घायल
रानीगंज। रानीगंज के प्रतिष्ठित आनंदलोक अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से मृत्यु के आरोप में अस्पताल कर्मियों के साथ परिजनों ने जमकर हाथापाई की जिसमें एक कर्मी बुरी तरह से घायल हुए वह गंभीर अवस्था में अस्पताल में ही भर्ती है।नाराज कर्मियों ने अस्पताल को बंद कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक बल्लवपुर के होम्योपैथिक चिकित्सक आशीष घोष 55 को मंगलवार की शाम को भर्ती की गई थी । डॉक्टर कौशिक सूर रोगी का चिकित्सा कर रहे थे ।रोगी को आज अस्पताल से रिलीज करनी थी। लेकिन एकाएक रोगी की हालत गंभीर हो गई। तत्काल अस्पताल के चिकित्सकों ने रोगी को विशेष चिकित्सा के तहत शुरू की। उसे वेंटीलेशन पर ले जाया गया लेकिन रोगी को बचाया नहीं जा सका ।
घटना की सूचना मिलते ही बल्लभपुर गिरजा पारा इलाके के सैकड़ों की तादाद में माकपा समर्थक अस्पताल पहुँचकर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। मृत्यु के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी बताते हुए उनके परिजनों ने 50 लाख की मांग की। घंटों बातचीत के बाद जब अस्पताल प्रबंधन ने मांग को मानने से इंकार कर दिया । मृतक के परिजन अस्पताल के अंदर घुसकर कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
अस्पताल के मैनेजर विश्वजीत मईती ने बताया कि मैंने अपने अस्पताल प्रबंधन के प्रमुख देव कुमार सराफ को घटना की जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि रोगी का पोस्टमार्टम करवाई जाए और एफ आई आर दर्ज हो ।इसके बाद जो भी फैसला होगी वह मान्य होगा। हम लोग एक भी पैसे गैर कानूनी तरीके से नहीं दे सकते क्योंकि यह अस्पताल एक चैरिटेबल अस्पताल है। इस पर परिजन भड़क गए और अस्पताल कर्मियों पर बेरहमी के साथ मारपीट शुरू कर दी । जिसमें एक कर्मी सुबोध मंडल बुरी तरह से घायल अस्पताल में ही भर्ती है ।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुँची स्थिति को नियंत्रित किया और सब को परिजन अंतिम संस्कार के लिए ले गए। आज अस्पताल में करीब 30 रोगी विभिन्न रोगों के लिए अर्थात हर्नियाा गॉलब्लेडर आदि के लिए भर्ती भी है । उनका ऑपरेशन होनी है । उसके साामने भी बड़ी समस्याया देखने को मिली। अस्पताल के मैनेजर विश्वजीत कहाँ की कर्मी सुरक्षा की मांग को लेकर सभी अस्पताल छोड़ कर चले गए । उन्होंने पर ही दुःख जताते हुए कहा कि जबकिि कोरोना महामारी के समय हम लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवा की है । सेवा के बदले हम लोगों को इस प्रकार का उपहार दिया गया यह सोंच भी नहीं सकते ।अस्पताल को तत्काल बंद कर दी गई है और केवल आपातकालीन चिकित्सा ही की जा रही है । माकपा नेता एवं पूर्व सीपीएम प्रार्थी आसनसोल दक्षिण के हेमंत प्रभाकर ने कहाँ की डॉक्टर एवं प्रबंधन की लापरवाही की वजह से या घटना घटी है हम लोगों ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भी इसकी शिकायत की है।
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