महिलाओं पर तो बात सभी करते है लेकिन अधिकार देने से डरते है क्यों -सीता राणा
धनबाद। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च महिलाओं से संबंधित सवाल, समस्या और समाधान को लेकर मंथन करने की जरूरत पर बल देता है। आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं पर बात तो करती है पर महिलाओं को उनका अधिकार देने से डरती भी है क्यों ? ये सवाल मथता है कि जिस आधी आबादी को लेकर हम काम कर रहे उपेक्षित कैसे रह जाता है। जागरूकता की कमी, शिक्षा का अभाव, परंपरा के नाम पर बंधन, पुरुषों की मानसिकता, संवैधानिक अधिकार का उपयोग न होना और भी बहुत कुछ जिसके वजह से मजिलाएँ आज हर क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद भी अपनी अलग पहचान के लिए जद्दोजहद कर रही है।
महिला अधिकार को लेकर विधानसभा व लोकसभा चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण को लेकर आवाज उठाई मगर भाजपा सरकार ने महिलाओं के इस मांग को अनसुना कर गई। हाल के तीन चार साल में लगातार महिलाओं पर यौन उत्पीड़न की घटना बढ़ी और जिस तरह से भाजपा की केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारों ने अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया उससे न्याय की उम्मीद नहीं जगती। खैर, सरकार अपना काम करती है। हमें अपना काम करते रहना चाहिए महिलाओं को लेकर उनके अधिकार और उनको न्याय दिलाने को लेकर, जागरूक करने को लेकर।
8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रांची में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने जाने के क्रम में धनबाद जिला महिला कॉंग्रेस कमिटी की जिलाध्यक्ष सीता राणा ने कही। साथ में सोनी खातुन, कलाकार देवी, सविता देवी, अंजू शर्मा, कुसमी देवी आदि मौजूद थी।
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