बंजेमारी कोलयरी में पर्यावरण को ध्वस्त कर रही है, डेको कंपनी और इसीएल प्रबंधन
सालानपुर| पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े बड़े वादे करना आसान है किन्तु वादों की पदचिन्हों पर चलकर उसे पूरा करना बड़ा ही कठिन है, कुछ ऐसा ही नजारा इसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत संचालित बंजेमारी कोलयरी की है, यहाँ महज कुछ महीने पहले धनबाद की आउट सोर्शिंग कंपनी डेको ने खनन का कार्य इस शर्त पर सुरुआत की थी, जहाँ ग्रीन खदान सञ्चालन की बात कही गयी थी, कंपनी द्वारा एक भी पेड़ पौधों को नुकसान नहीं पहुचने की बात पर जोर दिया गया था, इतना ही नहीं पूरा खनन बिना ब्लास्टिंग के संचालित के साथ पेड़ पौधों लगाये जाने पर जोर दिया गया था, हलाकि अभी तक ब्लास्टिंग तो नहीं हुई, किन्तु इसीएल प्रबंधन और डेको कंपनी ने अपनी पर्यावरण प्रेम को उजागर करते हुए दर्जनों बड़े बड़े पेड़ उखाड़ डाले, पुरे प्रकरण में स्थानीय प्रसाशन से लेकर वन विभाग मूकदर्शक बनी हुई है, कोलयरी विस्तार के लिए कुछ आवासीय घरों को ध्वस्त किया गया जिसके बाद बाउंड्री वाल की जगह लगभग 8 फिट गहरी ट्रेंच(नाला) काट दिया गया है, जिससें यहाँ दुर्घटना की संभावना बनी हुयी है, स्थानीय निवासी अरुण कुमार सिंह ने कहा इसीएल प्रबंधन ने आवासीय क्षेत्रो को बाउंड्री वाल से घेरने का अस्वासन दिया था, किन्तु उसके जगह गड्ढा खोद दिया गया है, जो मौत का कुआ की सामान है, यहाँ कभी भी बड़ी घटना हो सकती है, उन्होंने कहा कई बड़े पेड़ों को प्रबंधन और डेको कंपनी ने निर्दयता पूर्वक उखाड़ दिया, जिससे पूरा क्षेत्र बंजर जैसी हो गई है, वृहद् पैमाने पर पेड़ों की कटाई के कारण प्रदूषण और धुल मिट्टी से स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो रहा है| मामले को लेकर डेको प्रबंधक राज कुमार पाण्डेय से पूछने पर उन्होंने पूरा मामला इसीएल प्रबंधन पर थोप दिया उन्होंने कहा पेड़ों की कटाई हमलोगों ने नहीं की है, जबकि डेको कंपनी के साईड इंचार्ज मुकेश यादव ने कहा की पेड़ आस पास के ग्रामीण काट कर ले गए, बंजेमारी कोलयरी मैनेजर सुजेन महतो ने इस मामलें को लेकर कहा की कुछ पेड़ों की कटाई हुई है, किन्तु जल्द ही यहाँ ओबी डंप के साईड में पौधा रोपण किया जायेगा, कुल मिलकर पुरे प्रकरण ने इस बात को साफ़ कर दिया है की इसीएल प्रबंधन तथा डेको कंपनी ने वन अधिनियम को ताख पर रखकर दर्जनों पेड़ों की कटाई की है, किन्तु सवाल अब यह उठता है की स्थानीय पुलिस प्रशासन और वन विभाग भी आखिर चुप क्यों है|
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