प्रसव पीड़ा से तड़पती रही गर्भवती और चैन से सोते रहे अस्पताल कर्मी , पेट में ही मर गया बच्चा
परिजनों के हंगामा से पिठाक्यारी अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील,धक्का-मुक्की
नवजात को अंत्यपरीक्षण के लिए भेजा गया जिला अस्पताल, विभागीय जाँच कर दोषियों पर होगी कार्यवाही-डॉ. अमरेश माज़ी, बेहतर चिकित्सा के लिए गंगा का जिला अस्पताल रेफर ,नर्स और डाक्टर रात भर सोते रहे, बुलाने जाने पर किया दुर्व्यवहार-रेणुका माज़ी
सालानपुर । सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत पिठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र की बेड पर चिकित्सकों एवं नर्स की लापरवाही से एक शिशु ने दुनिया में कदम रखने से पहले ही अलविदा कह दिया, मातृत्व और प्रसव पीड़ा को की क्रंदन से चीखती गंगा की पुकार भी महिला नर्सो को जगा नहीं पाई, हालाँकि अस्पताल स्टाफ और नर्स को जगाने गयी वृद्ध महिला रेणुका मांझी को भी नींद में खलल डालने के लिए अस्पताल स्टाफ के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा, अंततः रविवार को रातभर हुई फजीहत की बुनियाद पर माँ गंगा ने मृत बच्चे को जन्म दिया ।
सुबह घटना की चर्चा जंगल में आग की तरह फ़ैल गयी और रविवार की सुबह आम जनता की हुजूम ने अस्पताल को घेर कर चिकित्सक और नर्स की फजीहत कर दी । सूचना पर पहुँचें सालानपुर थाना, चित्तरंजन थाना,रूपनारायणपुर फांड़ी एवं कल्याणेश्वरी पुलिस ने हालत बेकाबू होते देख, बाध्य होकर रैफ के जवानों को बुलाया गया, और मामला नोक-झोंक से लेकर धक्कामुक्की तक पहुँच गयी ।
घटना के सन्दर्भ में बताया जाता है कि सालानपुर ब्लॉक अंतर्गत कल्ल्या ग्राम पंचायत के धडासपुर निवासी मनोरंजन घोष ने अपनी पत्नी गंगा घोष को प्रसव पीड़ा के बाद शनिवार को पिठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया था ।
मध्य रात्रि में प्रसव पीड़ा बढ़ने के बाद, परिजन रेणुका मांझी ने बताया कि वे वहाँ उपस्थित नर्सो को मरीज को देखने का निवेदन किया, किन्तु उपस्थित नर्सो ने मेरी बात को टाल दिया और कहा प्रसव में दर्द तो होता ही है, उन्होंने कहा कुछ देर बाद और भी प्रसव पीड़ा होने लगी, फिर मैंने नर्सो को नींद से जगाने का प्रयास किया, किन्तु एक अस्पताल स्टाफ ने मुझसे अभद्र व्यवहार करते हुए मुझे डाँट कर शांत करा दिया और सभी सोते रहे, पीड़ा और दर्द से कराहते गंगा ने सुबह एक मृत बच्चे को जन्म दिया किन्तु इस दौरान भी ड्यूटी में तैनात डॉ. कौशिक राणा ने सुध नहीं ली,
मामले को लेकर महिला ने बताया कि सुबह मेडिकल अफसर डॉ.अमरेश मांझी अस्पताल पहुँचे तो सभी स्टाफ को खरी खोटी सुनते हुए कहा कि यदि मुझे एक घंटा पहले भी बुला लिया होता तो में बच्चे को बचा लेता ।
रविवार को अस्पताल की लापरवाही से परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच चुकी थी, मामले में लोगों को समझाने पहुँचे सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली ने अस्पताल के मुख्य द्वार को बंद दिया था, किन्तु परिजन दोषी चिकित्सक को सामने लाने की मांग कर रहे थे, मामले को बढ़ता देख चित्तरंजन थाना प्रभारी अतिन्द्र्नाथ दास, रूपनारायणपुर फांड़ी प्रभारी सिकंदर आलम, कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी अमरनाथ दास दल बल मौके पर पहुँचकर परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया, किन्तु परिजन अड़े रहे, इस बीच पुलिस के साथ नोक-झोंक और धक्कामुक्की तक पहुँच गई, मामले को बिगड़ता देख पुलिस ने रैफ के जवानों को बुला लिया । हालाँकि सूचना पाकर पहुँचे सालानपुर ब्लॉक तृणमूल महासचिव भोला सिंह ने मौके पर पहुँचकर लोगों को शांत कराया और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया तब जाकर परिजन शांत हुए,
पुलिस ने यूडी केश दर्ज करते हुए बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया । दूसरी ओर मेडिकल अफसर अमरेश मांझी ने कहा कि शिकायत के अनूरूप कार्यवाही करते हुए कमिटी गठित कर मामले की पूर्ण रूप से जाँच कर दोषी कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी ।
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