अब शुरू होने लगी कोरोना माता की पूजा , प० बंगाल के आसनसोल की खबर
1 जून को जब पूरे देश में लॉकडाउन को खोलने के पहले चरण के तहत धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय किया गया है तो पश्चिम बंगाल के आसनसोल में अब कोरोना माता की पूजा शुरू हो गयी है । आसनसोल के पचगछिया ग्राम पंचायत के नया बस्ती ग्राम इलाके से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। इलाके की महिलाएं सोमवार की सुबह से ही मंदिर छोड़ खेतों में जाकर पूजा करते हुये दिखाई दी ।
पूजा कर रही महिलाओं ने बताया कि वो खेतों में कोरोना माता की पूजा कर रही हैं । कोरोना माता ने एक महिला को एक गाय के रूप में दर्शन दिया है। महिला की अगर माने तो वो गाय देखते ही देखते एक देवी के रूप में प्रकट हो गई और उन्होंने उस महिला को कोरोना महामारी को दूर भगाने के लिए कुछ तरकीबें बताई , जिसके तहत इलाके की सैकड़ों महिलायेंं मंदिर छोड़ खेतों में जाकर माता कोरोना की पूजा कर रही है ।
महिला श्रद्धालुओं की माने तो कोरोना माता ने उन्हें कहा है कि हर महिला खेतों में जाकर मिट्टी के 9 पिंड तैयार करेंगी और उन पिंडों को सिंदूर से तिलक लगाएंगी । उन पिंडो पर जवा फूल, लड्डू और गुड़ के शरबत अर्पित कर सच्चे दिल से कोरोना माता की आराधना करें । साथ ही पूजा के बाद सभी सामग्री को खेतों में एक गड्ढा खोदकर को पूरी तरह से ढँक दें ।
ऐसा करने से धीरे-धीरे कोरोना महामारी का असर इस देश से पूरी तरह खत्म हो जाएगा । जो इंसान ऐसा नहीं करता है या फिर कोरोना माता का मजाक उड़ाता है तो उसे गंभीर परिणाम होंगे , कोरोना माता उनको सजा देंगी ।
भारत में महामारियों को देवी के रूप में पूजने का यह पहला मामला नहीं है । इससे पहले जब चेचक फैला था तो उसी प्रकार उनकी भी पूजा शुरू हो गयी थी जो आज भी कई घरों में जारी है ।
इससे एक दिलचस्प मामला यह भी है कि महामारी तो प्लेग और हैजा के रूप में भी फैली लेकिन उनकी कोई पूजा नहीं होती है । इसके पीछे भी एक विज्ञान है।
चेचक और कोरोना एक वायरल बीमारी है और वायरल बीमारियों में मृत्यु दर उतनी अधिक नहीं होती है जितनी कि बीमारी फैलती है । बेमारी के लक्षण कई दिनों तक शरीर में बने रहते हैं । शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता , घरेलू उपचारों एवं सावधानियों के कारण ज़्यादातर मामलों ये बीमारियाँ ठीक हो जाती है । इसलिए लोगों को लगता है कि उनके पूजा अर्चना , झाड़-फूँक या किसी प्रार्थना से ठीक हो गए और जब नहीं ठीक होते हैं तो उसे देवी का कोप समझ कर स्वीकार कर लेते हैं ।
कोरोना के मामले में भी ऐसा ही है । अब इसे ठीक करने वाले कई बाबा और तंत्र-मंत्र भी बाजार में आ सकते हैं लेकिन इन सब झांसे में न आकर चिकित्सकीय परामर्श लें और उसी के अनुसार अपना इलाज कराएं । ज़्यादातर वायरल बीमारियों की कोई दवा नहीं होती है, जब तक कोविड-19 की कोई सटीक दवा का ईजाद नहीं होता है , तब तक सावधानी ही इसका इलाज है ।
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