साहिबगंज में कोरोना के कारण इसाइयों का खजूर एतवार रहा फीका
साहिबगंज। जिले सहित पूरे प्रखंडों के पंचायतों में रविवार को खजूर पर्व बड़ी धूमधाम से इसाई समुदाय के लोगों के द्वारा मनाई गई। जिले के इसा मसीह को मानने वाले सामुदाय के लोगों ने जिले के विभिन्न गिरिजाघरों में प्रार्थना के लिए उपस्थित रहे।
क्यों मनाया जाता है खजूर पर्व
फादर मुर्मू ने बताया कि क्रूस यात्रा के दौरान जब प्रभु यीशु कंधे पर क्रूस लिये कलवारी पहाड़ की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान सिपाही उनपर कोड़े बरसा रहे थे। प्रभु का शरीर लहुलुहान हो चुका था। उनके पाँव खाली थे और रास्ता कंकड़-पत्थरों से भरा पड़ा था। इस दौरान येरूसलेम के लोगों ने रास्ते पर खजूर के पत्ते बिछाए ताकि यीशु को चलने में आसानी हो।
इसी मान्यता के साथ खजूर पर्व मनाया जाता है। इस बार जिले में विश्वासियों ने हाथों में खजूर डाली लेकर प्रभु की आराधना की। हालांकि, कोरोना के दोबारा बढ़ने के कारण इस बार जुलूस नहीं निकाला गया। साथ ही लोगों ने सामाजिक दुरियों का पालन किया। इस बार अपने-अपने घरों में ही प्रभु येशु की आराधना किया गया।
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