रानीगंज में अखाड़ा सड़कों पर नहीं निकालने का निर्णय
रानीगंज -इसी वर्ष मार्च महीने में रामनवमी के दूसरे दिन निकाले गए जुलूस के दौरान रानीगंज में दो संप्रदायो के बीच हुए विवाद को देखते हुए शहर मेंअमन चैन व शांति बनाए रखने के दिशा में सकारात्मक कदम उठाते हुए रानीगंज के मुहर्रम कमेटियों ने इस बार मुहर्रम का अखाड़ा नहीं निकालने कानिर्णय लिया है. रानीगंज के मजार शरीफ स्थित गौस -ए-बंगाला अखाड़ा कमेटी के सदस्यों ने बताया कि वे बीते 17 वर्षों से मुहर्रम के मौके पर अखाड़ा निकाल रहे हैं,
प्रत्येक वर्ष अखाड़ा कमिटी रानीगंज शहर की परिक्रमा कर संध्या एतवारी मोड़ पर करतबबाज लाठी डंडा का करतब दिखाते थे. लेकिन बीते दिनोरानीगंज में हुए घटना को देखते हुए हम लोगों ने इस बार सिर्फ अपने मोहल्ले में ही अखाड़ा खेलने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि बारिश के कारणअखाड़ा की तैयारीयों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन शुक्रवार तक यह कमी पूरी कर ली जाएगी. रानीगंज राजाबांध स्थित धोबी मोहल्ला से अखाड़ा निकालने वालेमुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि इस बार मुहर्रम में अखाड़ा नहीं निकालेंगे एवं इस कार्य के लिए पूरे मुहल्ले के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
सभी लोग अमन-चैन व शांति चाहते हैं. टिकियापाड़ा मुहर्रम कमेटी के सदस्यों का कहना है कि हम लोगों ने निर्णय लिया है कि मुहर्रम के मौके पर निकालेजाने वाले अखाड़े को हम लोग अपने मोहल्ले में ही खेलेंगे एवं प्रशासन के निर्देश को पूरी तरह से पालन करेंगे. उन्होंने बताया कि रानीगंज एक शांतिप्रिय शहरहे और यहाँ के लोग हमेशा से ही अमन और शांति से रहते आये हैं एवं इस परंपरा को बनाए रखने के लिए हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि इस बार अखाड़ा सड़क पर नहीं ले जायेंगे. उन्होंने बताया कि दिन के समय अपने-अपने इलाके से ताजिया तो निकाली जाएगी पर अखाड़ा मोहल्ले में ही खेला जायेगा, वो भी सिर्फ लाठी-डंडा के खेल तक ही सीमित रहेंगा. मुहर्रम को लेकर काफी संख्या में पेकर मस्जिद-मस्जिद में जाकर आराधना कर रहे हैं.
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