बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में शामिल थे आदित्य सिंह
चौपारण प्रखण्ड के करमा पंचायत के ग्राम डोईया निवासी आदित्य सिंह बंगलादेश के आजादी की लड़ाई में शामिल थें। उन्होंने बताए कि बंगलादेश की आजादी की लड़ाई में जब पाकिस्तान भारत पर हमला किया, उस समय जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में पदस्थापित रिटायर्ड हवलदार आदित्य सिंह भी बंगलादेश की आजादी की लड़ाई में सोलह दिन पाकिस्तान के साथ युद्ध में शामिल थें। उन्होंने कहा मेरा भी कई सेना के जवान मारे गयें फिर भी हमलोग सीमा पर डटें रहें। आज का युद्ध और पहले का युद्ध में बहुत अंतर हैं।
16 दिसंबर को पूरे भारत वर्ष में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी, जिसमें 93000 तिरानबे हजार पाकिस्तानी सेना आत्म समर्पण किए थे। 1971के युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गए जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता हैं, यह युद्ध सभी भारतीयों के लिए ऐतिहासिक और उमंग पैदा करनेवाला साबित हुआ। इसलिए प्रतिवर्ष पूरा देश में 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
Copyright protected
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View