काजोड़ा में हिन्द मजदूर सभा ने दिखाई ताकत
मौका था रक्त दान शिविर का
इस रक्त दान शिविर में हिन्द मजदूर सभा के सैकड़ों कार्यकर्ता जुटे और काफी संख्या में रक्तदान किया।
भारी भीड़ को देखकर गदगद हो गए जितेंद तिवारी
इस मौके पर तृणमूल पार्टी का भरपूर सहयोग मिलने से उत्साहित थे मजदूर । इलाके के सभी दिग्गज तृणमूल नेता कार्यक्रम में शामिल हुये। आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी कार्यक्रम में मौजूद भारी भीड़ को देखकर गदगद हो गए । उन्होने मंत्री मलय घटक को धन्यवाद दिया जिनके प्रयासों से कोलियरी मजदूर कांग्रेस के महामंत्री श्री एसके पांडे तृणमूल में शामिल हो गए.
एसके पांडे ने भी खुशी जताई
एसके पांडे ने भी अपने भाषण में स्वयं को तृणमूल में पाकर खुशी जताई और ममता बनर्जी का खुल कर साथ देने का आह्वान कर दिया । उन्होने कहा कि मजदूर यूनियन का प्रतिनिधि होने के नाते वे भारत के विभिन्न राज्यों में जाते रहते हैं। मजदूरों के कल्याण के प्रति जो भावना उन्होने ममता बनर्जी में महसूस की वह भावना किसी भी अन्य दल के मुख्यमंत्री में देखने को नहीं मिलता है।
ममता बनर्जी है वाम फ्रंट की असली नेता
अपने भाषण में जितेंद्र तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी ही असली वामपंथी हैं और वही वाम फ्रंट ही असली नेत्री हैं। उन्होने कहा कि वाम फ्रंट का लेबल लगा लेने से कोई वाम पंथी नहीं हो जाता है . वाम फ्रंट के नाम पर पिछली सरकार ने मजदूरों का खून चूसा है। वे कजोरा एरिया कोलियरी मजदूर कांग्रेस के सचिव विशुनदेव नोनिया के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होने कहा कि वो पहले वाम फ्रंट में थे और कुछ महीने पहले ही तृणमूल में आए हैं। इस पर जितेंद्र तिवारी ने कहा कि नहीं आप अभी भी वाम फ्रंट में ही हैं और ममता बनर्जी ही वाम फ्रंट की असली नेता है।
केकेएससी की बढ़ेंगी मुश्किलें
आसनसोल नगर निगम के मेयर सह पांडवेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी ने कहा कि मजदूर मरीज के समान है और यूनियन डॉक्टर के समान । तृणमूल में पहले एक ही यूनियन थी और अब दो यूनियन हो गयी है और जो यूनियन मजदूरों का ज्यादा ध्यान रखेगी मजदूर उन्ही के पास जाएँगे । जितेंद्र तिवारी के इस बयान ने काजोड़ा एरिया सहित पूरे ईसीएल में हलचल मचा दी है। खासकर आईएनटीटीयूसी समर्थित केकेएससी खेमे में ।
गौरतलब है कि विशुनदेव नोनिया का तृणमूल में शामिल होने को लेकर काफी मतभेद चल रहा था। पर विशुनदेव नोनिया ने मंत्री अरूप विश्वास और जितेंद्र तिवारी के हाथों से तृणमूल का झण्डा थाम लिया फिर मतभेद शुरू हुआ मजदूर यूनियन को लेकर । तृणमूल समर्थित कोलियरी मजदूर संगठन केकेएससी शुरू से उनके तृणमूल में आने का विरोध कर रहा था । उनके तृणमूल में शामिल होने पर भी वे किसी भी कीमत पर उन्हें केकेएससी में शामिल करना नहीं चाहते थे।
पर राजनीति में माहिर खिलाड़ी विशुनदेव नोनिया ने हिन्द मजदूर सभा का झण्डा थाम कर सबको भौंचक्का कर दिया। उनके हिन्द मजदूर सभा में जाने के निर्णय पर भी उनके विरोधी खेमे ने उनपर जाम कर हमला बोला और कहा कि जो तृणमूल के मजदूर यूनियन में नहीं है वो तृणमूल में कैसे हो सकता है।
विशुनदेव नोनिया ने भी अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुये मंगलवार (17 अक्तूबर) को हुये रक्तदान शिविर में भारी भीड़ जुटा दी। हिन्द मजदूर सभा के महामंत्री श्री एसके पांडे ने उनका भरपूर साथ दिया। भव्य पंडाल और भारी भीड़ को देखकर मेयर सह विधायक जितेंद्र तिवारी मलय घटक के उस फैसले की सराहना करना नहीं भूले जिसमें मलय घटक ने एसके पांडे को तृणमूल में शामिल किया और उसके बाद हिन्द मजदूर सभा और विशुनदेव नोनिया के समंजस्य से काजोड़ा में अपनी जमीन खो चुके तृणमूल कांग्रेस को इतनी भरी भीड़ देखने को मिली । विशुनदेव नोनिया के इस शक्ति प्रदर्शन से उनके विरोधियों का सदमे में चले जाना तय है
मेयर जितेंद्र तिवारी ने सभी विरोधों पर विराम लगाते हुये स्पष्ट कर दिया कि पहले एक डॉक्टर थे और अब दो डॉक्टर हो गए अर्थात पहले एक मजदूर यूनिय था और अब दो हो गए। जितेंद्र तिवारी के इस बयान से विशुनदेव नोनिया के विरोधियों को बहुत बड़ा झटका लगा है।
सुभाशीष सेनगुप्ता को याद किया गया
रक्त दान शिविर की शुरुआत में दिवंगत आईएनटीटीयूसी के नेता सुभाशीष सेनगुप्ता की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया फिर तृणमूल मेयर जितेंद्र तिवारी ने एसके पांडे, विशुनदेव नोनिया, बीरबहादुर सिंह , चक्रधर सिंह चंचल , अंडाल तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष सहित तृणमूल तथा कई बड़े नेताओं के साथ तृणमूल कांग्रेस का झंडात्तोलन किया। उपस्थित सभी लोगों में लड्डू भी बांटे गए।
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