‘‘मरते दम तक नहीं खाली करेंगे रानीगंज’’

रानीगंज: रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में रानीगंज के विस्थापन को लेकर बीते शाम को हुई गहमागहमी बैठक में रानीगंज सिटीजन फोरम रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं यहां के तमाम व्यवसाई एवं सामाजिक संगठनों ने प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने एकमत से कहा कि रानीगंज को खाली करने का सवाल ही नहीं उठता है और मरते दम तक रानीगंज शहर को खाली नहीं करेंगे। रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव संदीप झुनझुनवाला ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की पिछले दिनों यहां एक एनजीओ का टीम एवं केंद्रीय सरकार के कुछ अधिकारीगण रानीगंज में सर्वे करने के लिए आए थे । सर्वे के माध्यम से मालूम हुआ कि रानीगंज को खाली करवाने के लिए यह योजना तैयार की जा रही है ।चेंबर की ओर से चार सदस्यों का एक टीम डीएम कार्यालय में जाकर जानकारी ली जिसमें कहा गया कि आज नहीं तो कल रानीगंज को खाली करना ही पड़ेगा क्योंकि यहां केंद्रीय सरकार का महत्वपूर्ण प्रॉपर्टी व ऊर्जा कोयला है लेकिन इसके लिए बहर हाल कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है।सिटीजन फोरम के अध्यक्ष राम दुलाल बसु ने कहा कि पिछले एक दशक से यह प्रयास चल रहा है कि रानीगंज शहर को खाली करवाई जाए और हम लोगों ने विरोध किया यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दी गई ।वही जानकारी देते हुए पूर्व चेयरमैन गौतम घटक ने कहा कि रानीगंज कोयला अंचल के भू-धंसान प्रभावित इलाके को चिन्हित किया गया था और तत्कालीन सांसद हराधन राय ने सुप्रीम कोर्ट मैं जनहित याचिका दायर की थी और माध्यम से विजय हासिल की थी। कोल इंडिया एवं एडीडीए को इस क्षेत्र की सुरक्षा का दायित्व दिया गया था इस में आने वाले खर्च का वहन केंद्रीय सरकार करेगी इस पर योजना शुरू हुई और बचाव कार्य के लिए कदम भी उठाया गया था लेकिन वास्तविक स्थिति आज क्या है इसकी कोई जानकारी नहीं है पलटवार इस अंचल को खाली करवाने की जो षड्यंत्र शुरू हुई है उसका विरोध करना ही होगा। चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सलाहकार कन्हैया सिंह ने कहा कि हम लोगों को पूरी तरह से अंधकार में रखकर कोल इंडिया रानीगंज को खाली करवाने के लिए षड्यंत्र रच रही है इस षड्यंत्र को हम लोग पूरा नहीं होने देंगे। वही प्रोफैसर आरएन दीक्षित ने कहा कि मैंने डीडीए के चेयरमैन तापस बनर्जी से बात की उन्होंने कहा कि रानीगंज का सर्वे हो रहा है , यह जानकारी है लेकिन रानीगंज को खाली करवाए जाने की कोई जानकारी हम तक नहीं पहुंची है चेंबर ऑफ कॉमर्स से कार्यकारी अध्यक्ष आर पी खेतान ने कहा कि केंद्रीय सरकार व कोल इंडिया को क्या करना है इस क्षेत्र के लिए यहां के लोगों के लिए इसका जानकारी सटीक रूप से हम लोगों को देनी पड़ेगी वैसे भी लाखों लोग इस क्षेत्र में रहते हैं बलपूर्वक कोई भी प्रयास किया गया तो हम लोग उसे सफल नहीं होने देंगे । सूत्रों के मुताबिक आज से दो दशक पहले ही झरिया कोल फिल्ड की तरह रानीगंज कोलफील्ड क्षेत्र को खाली करवाने की नोटिस जारी की गई थी जिसमें रानीगंज के पश्चिम का इलाका एवं कुंवर बाजार इलाके को चिन्हित किया गया था जिसमें कहां गया था की निजी मालिकों द्वारा अब अवैज्ञानिक तरीके से की गई कोयले की खनन की वजह से यह पूरा क्षेत्र असुरक्षित है और उसे खाली करवाने की बात कही गई थी लेकिन पूर्व सांसद हराधन राय के जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राय दिया था कि इस क्षेत्र को खाली नहीं करवाया जाएगा बल्कि उस क्षेत्र को बालू भराई कराकार सुरक्षित की जाए लेकिन पिछले 1 सप्ताह से रानीगंज अंचल में सर्वेक्षण की वजह से यहां के लोग एक बार पुनः आतंकित हो गया है.

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Last updated: अक्टूबर 17th, 2017 by Pankaj Chandravancee

Pankaj Chandravancee
Chief Editor (Monday Morning)
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