राजनीति के शिकार नेताजी ,स्वामी जी, लेलिन, विद्यासागर बाकी रहे और रवीन्द्र नाथ ठाकुर की मूर्तिया
दुर्गापुर: लोक सभा निर्वाचन अभी खत्म नहीं हुआ 19 तारीख को मतदान हो कर समाप्त होगी। 23 तारीख को चुनाव की गिनती शुरू होगी । बंगाल की लोगों की नजर 23 तारीख को गिनती की तरफ नहीं जाकर पश्चिम बंगाल में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने को लेकर आलोचना का विषय बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को अमित शाह की रैली को केंद्र कर कोलकाता में राजनीतिक संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया। इसी के बीच दुष्कृतियों ने विद्यासागर कॉलेज में घुसकर स्थापित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ डाली ।
यह नया नहीं है इसके पहले भी स्वामी जी, नेताजी ,गाँधीजी, इंदिरा गाँधी, लेलिन की मूर्तियों को तोड़ा गया है।
इस घटना को लेकर पूरे पश्चिम बंगाल में शासक दल विरोधी दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाया है ।
घटना को लेकर पूरे राज्य में अमित शाह और नरेंद्र मोदी की पुतला दहन किया जा रहा है।
दुर्गापुर भी कल रात को 29 नंबर वार्ड सागर भंगा में पार्षद सुनघल चटर्जी के नेतृत्व में एक रैली निकाली गई जिसमें तृणमूल कार्यकर्ता मौजूद थे। रैली तृणमूल कार्यालय से निकलकर इलाके में परिक्रमा कर सागर भंगाा जाानेे वाली रास्ते में खड़े होकर नरेंद्र मोदी, अमित शाह का पुतला दहन किया।
सुनील चटर्जी ने बताया कि भाजपा राज्य में अशांति फैला रही है । ऋषि-मुनियों नहीं छोड़ा जा रहा है । इसके पहले भी त्रिपूरा में लेलिन की मूर्ति तोड़ी गई । उसके बाद गाँधी जी की मूर्ति, इंदिरा गाँधी की मूर्ति, स्वामी जी की मूर्ति, अब ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ा गया ।बंगाल के लोग इसका जवाब देंगे।
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