मॉनसून से निबटने के लिए आसनसोल रेल मण्डल ने की ये तैयारियां, जारी किए निर्देश
मॉनसून की सावधानियों पर 30 दिनों की क्षेत्रीय रेलवे संरक्षा योजना का पालन करते हुए पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल द्वारा मॉनसून प्रबंधन योजना संबंधी सभी तैयारी पूरी
पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल ने अपनी मानसून प्रबंधन योजना से संबंधित सभी तैयारियॉं पूरी कर ली है और मंडल में मॉनसून एहतियात पर दिनांक 13.06.2019 से 12.07.2019 तक तीस (30)दिनों तक चलने वाली रेलवे संरक्षा अभियान का पालन कर रहा है। तदनुसार,मानसून के दौरान विफलताओं के इतिहास वाले सभी संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है। इन स्थानों पर असामान्य वर्षा के दौरान विशेष गश्त लगाई जाएगी। किनारे वाली (साइड) नालियों और ट्रैक के हिस्से की समुचित सफाई की जा रही है।
ट्रैक सर्किटयुक्त क्षेत्रों की सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रेलवे ट्रैक और रोड अंडर-ब्रिज(रेल पटरी के नीचे से गुजरने वाले पुलों) पर किसी भी प्रकार के जल जमाव से वचने के लिए वाटर पंप को तैयार रखा गया है।
सभी लोकोमोटिव और मेमू ट्रेनों में वाइपर के समुचित कार्यशीलता की जाँच की जा रही है,सिगनलों की स्पष्ट दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए पेड़ों की शाखाओं की कटाई-छंटाई चल रही है।
यार्ड में जल निकासी व्यवस्था की प्रभावशीलता,मॉनसून की चपेट में आने वाले सेक्शनों तथा चिन्हित स्थानों में मॉनसून गश्त की व्यवस्था एवं मानसून की चपेट में आने वाले संवेदनशील स्थलों पर चौकीदारों की पोस्टिंग,भूस्खलन,पहाड़ी खिसकने,बोल्डर गिरने जैसे क्षेत्रों में विशेष सावधानी नियमित रूप से बरती जा रही है।
रेलवे ट्रैकों के सिगनल के साथ-साथ सिगनलिंग सिस्टम की संरक्षा जाँच नियमित रूप से की जा रही है। रात्रि गश्त तेज कर दी गई है। मानसून की चपेट में आने वाले नए/अतिरिक्त कमजोर प्वाइंटों की पहचान की जा रही है। रिले रूम,पैनल रूम,स्टेशन बिल्डिंग और प्लेटफॉर्म शेड की छतों की मरम्मत के लिए ध्यान तेज किया गया है।
रेलपथ (परमानेंट-वे) स्टाफ को रेलवे पटरियों के गश्त के दौरे को चौबीसों घंटे बनाए रखने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। सभी ट्रेनों के ड्राइवरों और गार्डों को निदेश दिया गया है कि वे किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करने लिए इंजन के फ्लैश लाइट और हेड लाइट तथा टेल लैंप की कार्यशीलता बारे में सतर्क रहें और कंट्रोल रूम को किसी भी असामान्यता की सूचना तुरंत देने के तैयार रहे।
डीजल और इलेक्ट्रिक इंजनों में वाइपर और शील्ड का प्रावधान सुनिश्चित किया जा रहा है तथा डीजल इंजनों में सैंडिंग सिस्टम की ओवरहालिंग तेज कर दी गई है। संबंधित सिगनल और टेलीकम्यूनिकेशंस गियर्स के साथ अर्थिंग लीड तार के कनेक्शन की उचित जाँच सुनिश्चित करने तथा जहाँ तक संभव हो,सामान्य फ़्यूज़ के स्थान पर पीपीटीसी फ़्यूज़ उपलब्ध कराने और आपातकालीन मानसून आरक्षित सामग्री और पुल सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी निदेश दिए गए हैं।
चक्रवाती तूफान,हवा का निम्न दबाव और भारी वर्षा आदि के बारे में भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग से अग्रिम चेतावनी मिलने पर पर्याप्त उपाय किए जा सकते हैं।
इन सभी उपायों के पीछे मूल उद्देश्य मानसून के मौसम के दौरान यात्रियों की परेशानी को कम करना है।
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