संसद के मानसून सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री के वक्तव्य का मूल पाठ

वर्षा सत्र में देशहित के कई महत्‍वपूर्ण मसले, जिसका निर्णय होना जरूरी है। देश के कई महत्‍वपूर्ण मसलों पर चर्चा होना जरूरी है और जितनी व्‍यापक चर्चा होगी सभी वरिष्‍ठ अनुभवी लोगों का सदन को मार्गदर्शन मिलेगा, उतना देश को भी लाभ होगा, सरकार को भी अपनी निर्णय प्रक्रिया में अच्‍छे सुझावों से फायदा होगा। मैं आशा करता हूँ कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्‍वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाने में करेंगे। हर किसी का पूर्ण सहयोग रहेगा और देशभर में भारत की संसद की गतिविधि की छवि राज्‍य विधानसभाओं के लिए भी प्रेरक बने,

ऐसा उत्‍तम उदाहरण सभी सांसद सदस्‍य और सभी राजनीतिक दल प्रस्‍तुत करेंगे, ऐसी मेरी पूरी आशा है । हर बार मैंने अपनी आशा प्रकट भी की है, प्रयास भी किया है। इस बार भी आशा प्रकट कर रहा हूँ। इस बार भी प्रयास कर रहे हैं और हमारा प्रयास निरंतर रहेगा। कोई भी दल, कोई भी सदस्‍य किसी भी विषय में चर्चा करना चाहता है, सरकार हर चर्चा के लिए तैयार है। यह मानसून सत्र है, देश के कई भागों में वर्षा के कारण कुछ आपदाएं भी हैं और कुछ स्‍थान हैं जहाँ अपेक्षा से कम वर्षा है। मैं समझता हूँ ऐसे विषयों की चर्चा ही बहुत उपयुक्‍त रहेगी। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Last updated: जुलाई 18th, 2018 by News Desk

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