इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद
लोयाबाद मदरसा दीनिया तेघिया कमिटी लोयाबाद 8 नंबर के सौजन्य से सजदा ऐ हुसैन कॉन्फ्रेंस का बड़ी ही धूमधाम से आयोजन किया गया। जलसे में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष और लोयाबाद मदरसा के अजीजुल उलूम के बच्चे मौजूद थे। कार्यक्रम में लंगर और खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया साजो सज्जा के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया गया।
जलसे में आए मौलाना मोहम्मद शाहबाज रजा कोलकाता, शाहनवाज हुसैन उड़ीसा, हन्नान चतुर्वेदी जमशेदपुर, आशिक इलाही कोलकाता, अब्दुल रऊफ गिरिडीह शब्बीर मनौवारी केंदुआ और मौलाना कलीम खान पावर हाउस ने एक से बढ़कर एक तकरीर और नात का सुना कर लोगों झूमने पर मजबूर कर दिया।
कोलकाता से आए मौलाना सहबाज रजा ने अपने मन कबत में पड़ा दीन का डंका बजाया है अली के लाल ने, कर्बला में सर कटाया है अली के लाल ने। दीन का झंडा गाड़ा है अली के लाल ने। जालिमों ने हाथ मांगा जिस घड़ी शब्बीर से,उसके बदले सर कटाया है अली के लाल ने।
इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद, इस्लाम जिंदाबाद जिंदाबाद
इस मन कबत को सुनते ही नारे तकबीर नारे रिसालत या शहीद ए कर्बला के नारों से पूरा जलसा गूंज उठा। जलसे को सफल बनाने में अहम भूमिका जलाल अंसारी, मोहम्मद सगीर, सलीम अंसारी, अकबर अली, इस्लाम अंसारी, जमालुद्दीन अंसारी, असलम वारसी, गोल्डन अंसारी, परवेज़, इरफान, अलाउद्दीन, साबिर आदि लोग थे।
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