प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया कॉन्क्लेव में संबोधन का मूल पाठ

मंच पर उपस्थित डाल्मिया भारत ग्रुप के एमडी भाई डाल्मिया, Youth for Development के mentor मृत्युंजय सिंह जी, अध्यक्ष भाई प्रफुल निगम जी, Rural Achiever श्री चैत राम पवार जी, यहाँ मौजूद अन्य सभी महानुभाव और मेरे प्यारे युवा साथियों। यहाँ मुझे देश भर के कुछ एचिवर्स को, जो इस विशेष इनेसेटिव को सपोर्ट कर रहे हैं। उनको सम्मानित करने का अवसर मिला है। एक लाइब्ररी की शुरूआत की गई। और रूरल इंडिया को लेकर एक व्हाइट पेपर भी जारी किया गया है। मुझे खुशी है कि आप सभी देश की आवश्यकताओं को देखते हुए, उस आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए अपने कार्य की रचना कर रहे हैं। आप सभी ने अब तक जो हासिल किया है। उसके लिये मैं आपको बहुत बहुत बधाई देता हूँ। और ये प्रयास सफलता के साथ निरंतर आगे बढ़े इसके लिये सरकार का सहयोग भी रहेगा और मेरी शुभकामनाएं भी रहेंगी।

साथियों इस समय हमारा देश परिवर्तन के एक महत्त्वपूर्ण कालखंड से गुजर रहा है। पिछले चार साल में भी आपने भी महसूस किया है कि कैसे देश 21वीं सदी में नई ऊंचाइयों को छूने के लिये आगे बढ़ रहा है। चार साल में देश की साख बढ़ी है, गौरव बढ़ा है और सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों ने विश्व पटल पर दस्‍तक दी है कि अब इंडिया इज़ टेकऑफ।

साथियों न्यू इंडिया का सरोकार सवा सौ करोड़ भारतवासी हैं, लेकिन उसका आधार यंग इंडिया है। युवाओं की युवा शक्ति है, जो पुरानी व्यवस्थाओं को उसकी कार्यप्रणाली को, पुराने तौर तरीकों को पुरानी सोच से उस बोझ से मुक्त है। ये वो नौजवान वर्ग है, जिसने व्यवस्थाओं को बदलने के लिये प्रेरित किया है। युवाओं का यही समूह आज उभरते भारत की पहचान बन रहा है। कुछ लोग परिवर्तन के लिये मौसम बदलने का इंतज़ार करते हैं। कुछ लोग परिवर्तन का संकल्प करके मौसम बदल दिया करते हैं। आप इंतज़ार करने वाले नहीं, मौसम बदलने वाले नौजवान हैं। क्योंकि आपके पास बदलाव लाने वाला मन है मिशन है, कुछ कर गुजरने के लिये मौसम नहीं मन चाहिए, इच्छा शक्ति चाहिए। आज देश में इसी अद्मय इच्छा शक्ति के साथ युवा राष्ट्र निर्माण के कार्य में जुटे हुए हैं।

जिस देश में इतनी अपार युवा शक्ति हो, और उससे किसी को भी ईर्ष्या हो सकती है। और इसलिये मैं मानता हूँ कि आपने इस कार्यक्रम की बहुत सटीक टैगलाईन चुनी है। और आपने कहा है अब हमारी बारी है। और हमारी मतलब एक नागरिक की भी है और हिन्दुस्तान की भी। साथियों एक जमाना था, जब शासन सिर्फ राज परिवारों का रहता था। सदियों पहले ऐसा था। स्वतंत्रता के बाद, आजादी के बाद बाबा साहेब अम्बेडकर ने संविधान दिया उसके बाद, लोकतंत्र के बाद नये तरह के राज परिवार पैदा हुए। स्वतंत्रता के बाद राजनीति में भी तीन तीन पीढ़ियों तक राज चल रहा था। शासन कुछ परिवारों के ही नियंत्रण में रहा। लेकिन आज स्थितियाँ बदल चुकी हैं और ये आपने बदला है देशवासियों ने बदला है। आप देखिये राष्ट्रपति जी, उप राष्ट्रपति जी और मैं खुद, छोटे से स्थान से आते हैं। ना हमारे पुरखों में कोई कुछ था। आप ही के जैसे परिवार से आए हैं। लोकतांत्रिक तरीके से चुन कर के आए हैं। और ये बताया है कि किस तरीके से देश का जनमन बदला है। और ये बात सिर्फ तीनों पदों पर ही लागू नहीं होती। आप अलग – अलग राज्य मुख्यमंत्रियों को भी देखिए। योगी आदित्यनाथ जी, त्रिपूरा के विप्‍लवदेव, उत्तराखंड के त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, बिहार के हमारे नितीश जी, हरियाणा के मनहोर लाल जी, झारखंड के रघुवर दास जी, ये सारे लोग बहुत ही सामान्य परिवारों से निकलकर के इन पदों में जनता जनार्दन ने उनको पहुँचाया है। उन्होंने बहुत ही सामान्य जीवन जिया है और इसलिए आज भी ये हर गरीब के प्रति, उसकी समस्याओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहती है। इन्होंने अपना जीवन नौजवानों के बीच काम करते हुए, उनकी आशा, अपेक्षाओं के अनुरूप काम करते हुए खपाया है। वो पक करके आए हैं वो समझते हैं कि न्यु इंडिया का नौजवान क्या चाहता है।

मेरे नौजवान साथियों क्या ये बदलाव नहीं है और ये हमारे देश के लोकतंत्र के लिये मैं समझता हूँ बहुत बड़ी सकारात्मक पूंजी है एक बहुत बड़ा सकारात्मक संकेत है कि अब इस तरह का वातावरण राजनीति नहीं बल्कि हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों के आईएएस, आईपीएस बनने वाले नौजवान प्रशासन की सेवा में आने वाले नौजवानों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। छोटे शहरों के लोगों के बड़े सपने भी, अब पूरे होने हैं। ये बदलाव ही तो है, जो न्यू इंडिया की पहचान बन रहा है। आज आप खेल-कूद का क्षेत्र देख लीजिए, 10th और 12th के टॉपर देख लीजिये, अब बड़े शहर बड़े स्कूल के नहीं होते। छोटे गाँव के छोटे शहर, छोटे स्कूल के सरकारी स्कूल के बच्चे दसवीं बारहवीं के टॉपर होते हैं। स्पोर्टस देख लीजिये बड़े बड़े शहर, बड़े बड़े गाँवों से नहीं छोटे छोटे गाँव से निकले। ये बदलाव है।

आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का जो कद बढ़ा है, प्रतिष्ठा फिर से स्थापित हुई है। उसने युवाओं में एक नया आत्मविश्वास पैदा हुआ है। अवसरों की समानता है। पारदर्शिता, प्रतिभा की पहचान, और सम्मान का ही ये नतीजा ये परिणाम है। नई अपरोच के साथ स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, खेलो इंडिया, डिजीटल इंडिया ऐसे अनेक प्रयासों से न्यु इंडिया की बुनियाद बहुत मजबूती की फाउंडेशन के साथ तैयार हो रही है। अब Silos को खत्म करके सोल्युशन पर बल दिया जा रहा है। देश की क्या आवश्यकताएं हैं उन्हें समझते हुए, उनके हिसाब से योजनाएं बनाई जा रही हैं। नौजवानों की, उद्यमियों की, महिलाओं की, किसानों की, मध्यम वर्ग की, छोटी छोटी परेशानियों को दूर करने के लिये उनके जीवन को आसान बनाने का काम किया जा रहा है।

साथियों Ideas और Innovations हमेशा भारत के सामान्य जीवन का हिस्सा रही है, लेकिन युवाओं की इन शक्ति का राष्ट्र निर्माण में अधिक से अधिक उपयोग हो, इसके लिये उपयुक्त वातावरण अब तैयार किया जा रहा है। देश के नौजवानों की आकांक्षाएं और असीम क्षमताओं को ही सरकार इनोवेशन और रीसर्च को बढ़ावा दे रही है। स्कूल में ही इनोवेशन का माहौल बने इसके लिये, अटल इनोवेशन मिशन शुरू किया गया है, देश के स्कूलों में कॉलेजों में इनोवेशन का इको सिस्टम बनाने पर जोर लगाया जा रहा है। छात्रों में साइंटिफिक टैंपर बढ़ाने और उनकी क्रियेटिविटी को सही प्लेटफॉर्म देने के लिये देश भर में 2400 से ज्यादा अटल डिजिटली लैब को स्वीकृति दी। यहाँ छात्रों को भविष्य की जो टैक्नॉलॉजी से परिचित कराया जा रहा है। Innovative आईडिया को आगे लाने के लिये Smart India Hackathon जैसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के नौजवानों को देश की समस्याओं को सुलझाने के कार्य से सीधा जोड़ा गया है। इसी रास्ते पर चलते हुए युवा स्टार्ट अप की दुनिया में कदम रखेगा।

हमने देखा है कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की कार्यवाही और जीएसटी की मांग किस तरह रिकॉर्ड संख्या में लोग टेस्ट देने के लिये आगे आ रहे हैं। ये बदले हुए वातावरण का प्रमाण है। मुझे याद है जब डीजिटल पैमेंट की बात शुरू हुई थी, तो किस तरह बड़े बड़े दिग्गजों ने कहा था कि भारत जैसा गरीब देश डीजिटल पैमेंट में आगे नहीं बढ़ सकता। लेकिन आज डीजिटल पेमेंट की प्रगति देखिये ये युवा ही तो है जिनकी वजह से आज देश के हर गाँव में डीजिटल पेमेंट की व्यवस्था पहुँच गई है। लोक डीजिटल पेमेंट करने लगे हैं।

साथियों हमारे पास आज एक उत्तम अवसर है हम उस पीढ़ी के हैं, जिनको देश की आजादी के लिये मरने मिटने का सौभाग्य नहीं मिला था लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिये जीने का और देश के लिये कुछ करने का मौका हमें जरूर मिला है। इतिहास साक्षी है, कि स्वतंत्रता के आंदोलन में भी, नौजवानों ने भी आगे बढ़कर कमान संभाली है। युवा जोश और हौसले ने आजादी की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई थी। आज न्यु इंडिया के लिये भूमिका आप सब भी निभाने वाले हैं। आपको मिलकर एक ऐसे न्यु इंडिया का निर्माण करना है कि जिसका सपना हमारे स्वतंत्र सैनानियों ने देखा था। देश के लिये खुद को खपा देने वालों ने देखा था।

साथियों, आप भारत का वर्तमान और भविष्य हैं। भारत को आपकी साझेदारी चाहिए, सिर्फ सुनने वाले नहीं, हमें सुझाव देने वाले, हमारे साथ कंधे से कन्धा मिलकर काम करने वाले, युवा चाहिए। आप सफल होंगे तो देश सफल होगा। आपके संकल्प सिद्ध होंगे तो देश के संकल्प सिद्ध होंगे। एक बार फिर इस शानदार Initiative के लिए, Youth for Development की पूरी टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ और जिन लोगों ने आज सम्मान प्राप्त किया है मैं उनका विशेष रूप से अभिनन्दन करता हूँ। क्योंकि उनके हर काम उनके हर प्रयास की चर्चा होगी। उनका कार्य अपने आप में औरों के लिये प्रेरणा बन जाएगा। और मैं मानता हूँ शब्द से ज्यादा कृति की ताकत होती है। और आप वो लोग हैं आप वो कर्मयोगी हैं जिन्होंने दूरसुदूर किसी बस्ती में, किसी गाँव में अपने सपनों को साकार करने के लिये अपने आपको खपा दिया है, एक काम हाथ में लिया उसको पूरा करके दिखाया है। और उसी का नतीजा है कि आज आप संतोष की अनुभूति कर रहे हैं। और स्वांतः सुखाए, जिस काम को स्वांतः सुखाए करते हैं। उसकी प्रेरणा अध्यात्मिक ताकत से भी अनेक गुना ज्यादा होती है। मैं इस स्थिति को प्राप्त करने वाले उन सभी नौजवानों को हृदय पूर्वक बहुत बहुत बधाई देता हूँ।

Last updated: जुलाई 17th, 2018 by News Desk

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